चेन्नई. प्रेम विवाह की पृष्ठभूमि में हुए नाबालिग अपहरण मामले में पद के दुरुपयोग पर कड़ी फटकार लगाते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने सशस्त्र बल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एच.एम. जयरामन की गिरफ्तारी के आदेश दिए। न्यायालय के आदेश की तुरंत तामील में पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। तिरुवलंकाडु पुलिस ने अपहरण मामले में जयरामन की लिप्तता की आशंका व्यक्त की थी। हाईकोर्ट ने इसकी पूरी तफ्तीश कर रिपोर्ट पेश करने और आइपीएस के खिलाफ मामला दर्ज करने को भी कहा है। तीस जून को एडीजीपी रिटायर्ड होने वाले हैं।
जस्टिस वेलमुरुगन ने एडीजीपी जयरामन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए है। उनका यह आदेश इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए पूरच्ची भारतम पार्टी के नेता व के.वी. कुप्पम के विधायक ‘पूवै’ जगनमूर्ति की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर था।
इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने विधायक ‘पूवै’ जगनमूर्ति और एडीजीपी एच.एम. जयरामन को 16 वर्षीय किशोर के अपहरण के सिलसिले में दोपहर 2.30 बजे पेश होने का निर्देश दिया था। जस्टिस पी. वेलमुरुगन ने पुलिस को निर्देश दिया कि यदि विधायक पेश नहीं होते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर पेश किया जाए। अभियोजन पक्ष द्वारा मामले में उनकी संलिप्तता का आरोप लगाए जाने के बाद से अदालत ने एडीजीपी को तलब किया।
हाईकोर्ट के समक्ष पहले एडीजीपी और बाद में विधायक जगनमूर्ति पेश हुए। हाईकोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। जज ने अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम आदेश जारी किया। जगनमूर्ति की अग्रिम जमानत पर सुनवाई 26 जून तक स्थगित की गई है। विधायक को आदेश हुआ है कि तब तक वे पुलिस जांच में सहयोग करेंगे।
यह है मामला
अदालत ने जगनमूर्ति द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर अंतरिम आदेश देते हुए उनको तलब किया था, जो इस मामले में गिरफ्तारी की आशंका के चलते फिलहाल फरार थे। यह मामला 10 मई को तिरुवलंकाडु के पास कलंबक्कम से एक नाबालिग के अपहरण से संबंधित है। लड़के के बड़े भाई धनुष (23) ने 21 वर्षीय विजया श्री से उसके परिवार की इच्छा के विरुद्ध विवाह किया था। नाराज लड़की के परिजनों ने कथित रूप से विधायक की मदद से नाबालिग का अपहरण कर लड़के के परिवार को डराने की कोशिश की थी। लड़की के बाप समेत पांच जनों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।