Burhanpur news: शासकीय एवं निजी कॉलेजों में यूजी-पीजी पाठ्यक्रम में एडमिशन की प्रक्रिया ढाई माह से चल रही है, लेकिन बच्चे परंपरागत कोर्स में रुचि नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि अब भी कॉलेजों में 70 फीसदी सीटें खाली हैं। ऑनलाइन एडमिशन के दो राउंड खत्म होने के बाद अब कॉलेज स्तर पर सीएलसी राउंड से एडमिशन कराए जा रहे हैं। बोर्ड की पूरक द्वितीय परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद बड़ी संया में विद्यार्थी रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंच रहे हैं, जिससे खाली सीटों पर एडमिशन की उमीद है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 15 मई से कॉलेजों में यूजी (अंडर ग्रेजुएट) कोर्स में एडमिशन प्रक्रिया शुरू की गई। शासकीय, निजी कॉलेजों को आवंटित सीटों का 50 फीसदी कोटा भी अभी तक पूरा नहीं हुआ। आलम यह है कि शासकीय कॉलेजों में विद्यार्थी पंजीयन कराने तक नहीं आ रहे हैं। यही हाल निजी कॉलेजों का भी है। रिक्त सीटों पर एडमिशन बढ़ाने के लिए द्वितीय सीएलसी (कॉलेज लेवल काउंसलिंग) 16 से 31 जुलाई तक शुरू की गई है। ऑनलाइन पंजीयन, कॉलेज चुनने का विकल्प का चयन सत्यापन करते ही विद्यार्थियों को 24 घंटे में शुल्क जमा कर एडमिशन मिल रहा है।
इन कोर्स में रुचि कम
शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों का रुझान तेजी से बदल रहा है। शासकीय एवं निजी कॉलेजों में यूजी-पीजी के पुराने कोर्स का चयन नहीं कर रहे हैं। इसलिए बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए, बीसीए सहित अन्य स्नातक पाठ्यक्रम में एडमिशन कम हो गए। 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए बड़ी संया में जिले के विद्यार्थी पुणे, इंदौर, भोपाल सहित महानगरों का रुख कर रहे हैं, जिससे कॉलेजों में एडमिशन के स्तर पर हर साल गिरावट आ रही है। कक्षा 12वीं की परीक्षा के बाद विद्यार्थियों के रुझान प्रोफेशनल कोर्स की तरफ बढ़ रहा है। जिसमें इंजीनियरिंग, चिकित्सा क्षेत्र, फैशन डिजाइनिंग, होटल प्रबंधन और डिजिटल मार्केटिंग, प्रबंधन, बिजनेस शामिल हैं।