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नेपाल में प्रदर्शनकारी कहलाएंगे शहीद, प्रधानमंत्री सुषीला कार्की ने किया ऐलान

नई प्रधानमंत्री सुषीला कार्की ने अपने पहले ही भाषण में मारे गए प्रदर्शनकारियों को 'शहीद' घोषित करने का ऐलान किया है। साथ ही उनके परिवारों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जबकि घायलों को भी मदद मिलेगी।

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Pankaj Meghwal

Sep 14, 2025

नेपाल में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुषीला कार्की अंतरिम रूप में पहली महिला प्रधानमंत्री नियुक्त हो गई हैं। 73 साल की सुषीला कार्की ने शपथ लेते ही साफ कर दिया कि उनका मकसद सत्ता में बने रहना नहीं, बल्कि देश को स्थिरता की ओर ले जाना है। उन्होंने कहा कि वे केवल 6 महीने के लिए जिम्मेदारी संभालेंगी और फिर नई संसद को सत्ता सौंप देंगी।

दरअसल 8 सितंबर को काठमांडू में हजारों युवाओं ने सड़कों पर उतरकर मौजूदा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस आंदोलन की शुरुआत तो सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हुई, लेकिन जल्द ही यह भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता के खिलाफ एक जन आंदोलन में बदल गया। इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व ज़्यादातर जेनरेशन ज़ी यानी नए युवाओं ने किया। लगातार 27 घंटे तक चले इस आंदोलन को अब “Gen Z क्रांति” कहा जा रहा है। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई और 1300 से ज्यादा घायल हुए। इस भारी जनदबाव के चलते 9 सितंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। उनकी सरकार गिर गई।

अब नई प्रधानमंत्री सुषीला कार्की ने अपने पहले ही भाषण में मारे गए प्रदर्शनकारियों को ‘शहीद’ घोषित करने का ऐलान किया है। साथ ही उनके परिवारों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जबकि घायलों को भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि“हमें Gen Z की सोच के अनुसार काम करना होगा। देश को फिर से खड़ा करने के लिए सभी पक्षों को साथ आना होगा। हम हार नहीं मानेंगे।” नेपाल इस समय एक गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कार्की ने इस बात को भी स्वीकार किया और सभी से मिलकर काम करने की अपील की। लेकिन साथ ही उन्होंने आगजनी, लूटपाट और हिंसा की घटनाओं पर भी सख्त रुख अपनाया। उन्होंने ऐलान किया कि इन घटनाओं की न्यायिक जांच होगी। उनका कहना था कि कुछ घटनाएं साधारण युवाओं की नहीं, बल्कि किसी बड़ी साजिश का हिस्सा थीं। सरकार ने कई समूहों की पहचान कर ली है जो हिंसा में शामिल थे, अब उनके खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है।

बता दें कि सुषीला कार्की की नियुक्ति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “महिला सशक्तिकरण का प्रतीक” बताया। ऐसे में अब नेपाल में अस्थिरता के बादल थोड़े छंटते नज़र आ रहे हैं। कर्फ्यू हटा लिया गया है। बाज़ार, दुकानें और ट्रैफिक फिर से सामान्य हो रहा है। लेकिन चुनौतियां अभी भी सामने हैं। अगले चुनाव 5 मार्च को होंगे। तब तक सुषीला कार्की और उनकी अंतरिम सरकार को न सिर्फ देश को संभालना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि जनता का भरोसा फिर से बहाल हो सके।