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फैशन का फॉलआउट, एक कंधे पर बैग लटकाने से बढ़ सकता है Arthritis का खतरा

Arthritis: बच्चे हों या बड़े, पर्स हो या स्कूल बैग ज्यादातर लोग इसे एक ही कंधे पर टांगते हैं। यही आदत आगे चलकर आर्थराइटिस (गठिया) जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।फैशन और सुविधा के नाम पर की जाने वाली यह छोटी सी गलती आपके जोड़ों की सेहत पर भारी पड़ सकती है।(One shoulder bag health risks)

2 min read

भारत

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MEGHA ROY

Oct 19, 2025

Arthritis, Health, Lifestyle, Shoulder arthritis, carrying bag, shoulder,

How bags affect your spine and joints|फोटो सोर्स – Freepik

Arthritis Health News: आजकल लाइफस्टाइल में जहां फैशन में बदलाव आए हैं, वहीं जीने के तरीके में भी कई छोटे-छोटे बदलाव हुए हैं। ये बदलाव देखने में भले ही सामान्य लगते हों, लेकिन धीरे-धीरे हमारे शरीर के लिए बड़ी परेशानी बन सकते हैं। ऐसी ही एक आम आदत है एक कंधे पर बैग लटकाना। देखने में यह कितना मामूली लगता है, लेकिन बच्चे हों या बड़े, पर्स हो या स्कूल बैग ज्यादातर लोग इसे एक ही कंधे पर टांगते हैं। यही आदत आगे चलकर आर्थराइटिस (गठिया) जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।फैशन और सुविधा के नाम पर की जाने वाली यह छोटी सी गलती आपके जोड़ों की सेहत पर भारी पड़ सकती है। तो आइए जानते हैं कि कैसे ये छोटी-छोटी आदतें आपके लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती हैं।

क्यों हो सकती है गठिया जैसी समस्या?

हड्डियों और जोड़ों के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमारा शरीर इस तरह डिजाइन हुआ है कि वजन दोनों ओर बराबर बंटे। जब हम एक ही कंधे पर रोज़ाना बैग लटकाते हैं, तो शरीर का बैलेंस बिगड़ने लगता है। इससे एक तरफ की मांसपेशियां लगातार खिंचती हैं और दूसरी तरफ की सुस्त पड़ जाती हैं।

धीरे-धीरे यह असंतुलन कंधे के प्रमुख जोड़ एक्रोमिओक्लेविकुलर और ग्लेनोह्यूमरल पर दबाव डालता है। लंबे समय तक दबाव पड़ने से इन जोड़ों की कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है, जो बाद में माइक्रोट्रॉमा और फिर कंधे की गठिया का रूप ले सकता है।

गर्दन और रीढ़ भी हो सकते हैं प्रभावित

यह असर सिर्फ कंधों तक सीमित नहीं रहता। एक तरफ भारी बैग लटकाने पर शरीर अपने आप को बैलेंस करने के लिए दूसरी तरफ झुकने लगता है, जिससे रीढ़ की हड्डी टेढ़ी हो सकती है। इसके नतीजे में गर्दन की मांसपेशियों में अकड़न, सिरदर्द, और खराब पोस्चर जैसी परेशानियां सामने आती हैं।

जिन लोगों को पहले से कंधे में चोट लगी हो, मांसपेशियां कमजोर हों या पोस्चर सही न हो, उनके लिए यह आदत और भी ज्यादा हानिकारक साबित हो सकती है।

कैसे करें इस समस्या से बचाव?

बैलेंस्ड बैग चुनें


ऐसा बैग इस्तेमाल करें जो दोनों कंधों पर समान वजन डाले जैसे बैकपैक, जिसमें गद्देदार स्ट्रैप्स हों।

वजन पर रखें नियंत्रण


बैग का वजन आपके शरीर के कुल वजन का 10 से 15 प्रतिशत से ज्यादा होना चाहिए।

कंधा बदलते रहें


अगर एक पट्टे वाला बैग ही इस्तेमाल करते हैं तो कोशिश करें कि समय-समय पर कंधा बदलते रहें, ताकि किसी एक ओर दबाव न पड़े।

मांसपेशियां मजबूत करें


कंधे, पीठ और गर्दन की नियमित एक्सरसाइज करें ताकि मांसपेशियां ताकतवर रहें और चोट से बचाव हो।

पोस्चर पर रखें ध्यान


चलते समय खुद को आईने में देखें, कमर सीधी रखें और कंधों को पीछे रखें। एक अच्छा पोस्चर न सिर्फ गठिया से बचाएगा, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाएगा।

3 बेस्ट एक्सरसाइजेस दी गई हैं

  • शोल्डर रोटेशन (Shoulder Rolls): यह व्यायाम कंधों की जकड़न और तनाव को दूर करता है, जिससे असंतुलित भार का असर कम होता है।
  • ट्रैपेजियस स्ट्रेच (Trapezius Stretch): यह गर्दन और ऊपरी पीठ की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है जो बैग के वजन से खिंच सकती हैं।
  • कैट-काउ पोज (Cat-Cow Stretch): रीढ़ की लचीलापन बढ़ाता है, मुद्रा सुधारता है और पीठ के तनाव को कम करता है।