(आज का पंचांग – शुक्रवार, 1 अगस्त, 2025)
विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 6 सफ़र
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा ऋतु
मास – श्रावण
पक्ष – शुक्ल
श्रेष्ठ चौघड़िये – आज चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः सूर्योदय से 10:53 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 12:33 से 2:13 तक रहेगा। चर का चौघड़िया 5:32 से सूर्यास्त तक रहेगा। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।
तिथि – अष्ठमी तिथि सम्पूर्ण दिन रात्रि होगी।
दिशा शूल – आज पश्चिम दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए आज पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 10:30 से 12:00 तक रहेगा।
नक्षत्र – स्वाती नक्षत्र प्रातः 3:40 तक होगा तदुपरान्त विशाखा नक्षत्र होगा।
योग – शुभ योग सायं 5:30 तक होगा तदुपरान्त शुक्ल योग होगा।
करण – विष्टि करण सायं 6:12 तक तदुपरान्त बव करण रहेगा।
विशिष्ट योग – महापात योग दिन 12:39 से सायं 5:49 तक, रवियोग प्रातः 3:40 से प्रारम्भ,
व्रत / दिवस विशेष – भद्रा सूर्योदय से सायं 6:12 तक, दुर्गाष्टमी, मेला नयना देवी व चिन्त्यपूर्णी (हि.प्र.), लोकमान्य तिलक पुण्य दिवस, जीवंतिका पूजन,
चन्द्रमा – आज सम्पूर्ण दिन रात्रि तुला राशि में होगा।
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्म लेने वाले बच्चों की राशि तुला होगी। आज प्रातः 3:40 तक स्वाती नक्षत्र तदुपरान्त विशाखा नक्षत्र होगा। आज प्रातः 3:40 तक जन्मे बच्चों का रजत पाद होगा तदुपरान्त ताम्र पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर रू, रे, रो, ता, ती पर रखे जा सकते हैं।
तुला राशि का स्वामी शुक्र होता हैं। यह सौम्य व भावुक होते हैं। इन्हें देश-विदेश घूमने का शौक होता है, किसी के अधीनस्थ रह कर कार्य करना पसंद करते हैं। यह एक स्थान पर टिक कर नहीं रहते। ये सुंदरता पसंद होते हैं और कलात्मक होते हैं। इनका स्वभाव आकर्षक होता हैं। ये न्यायशील, बुद्धिमान, तर्कशील एवं सर्तक रहने वाला होते हैं। जातक को देश-विदेशों में अनेक स्थानों पर भृमण करने के अवसर प्राप्त होते हैं।
पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद्