🌟(आज का पंचांग – रविवार, 26 अक्टूबर, 2025)🌟
विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 3 जमादि उल अव्वल
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ऋतु
मास – कार्तिक
पक्ष – शुक्ल
श्रेष्ठ चौघड़िये – आज दिन में चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः 8:00 से 12:11 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 1:34 से 2:58 तक रहेगा। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।
तिथि – पंचमी तिथि अंतरात्रि 6:05 तक होगी तदुपरान्त षष्ठी तिथि होगी।
दिशा शूल – आज पश्चिम दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए आज पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 4:30 से 6:00 तक
नक्षत्र – ज्येष्ठा नक्षत्र दिन 10:47 तक तदुपरान्त मूल नक्षत्र रहेगा।
योग – शोभन योग प्रातः 6:45 तक तदुपरान्त अतिगंड योग रहेगा।
करण – बव करण दिन 4:57 तक तदुपरान्त बालव करण रहेगा।
विशिष्ट योग – रवियोग दिन 10:47 तक, सर्वार्थसिद्धि योग दिन 10:47 से सूर्योदय तक,
व्रत / दिवस विशेष – सौभाग्य पंचमी व्रत, पांडव व लाभ पंचमी, ज्ञान पंचमी (जैन), गुरु गोविन्द सिंह पुण्य दिवस (प्रा.मत से), सूर्य षष्ठी व्रत प्रारंभ तीन दिन का (बि. समाज), गंडमूल संपू्र्ण दिन रात्रि,
चन्द्रमा – आज दिन 10:47 तक वृश्चिक राशि में होगा तदुपरान्त धनु राशि में प्रवेश होगा।
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज दिन 10:7 तक जन्म लेने वाले बच्चों की राशि वृश्चिक होगी तदुपरान्त धनु राशि होगी। आज जन्म लेने वाले बच्चों का दिन 10:47 तक ज्येष्ठा नक्षत्र होगा तदुपरान्त मूल नक्षत्र रहेगा। आज जन्मे बच्चों का ताम्र पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर यू , ये, यो, भ पर रखे जा सकते हैं।
वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल होता हैं। ऐसे जातक स्थिर प्रवृति के होते हैं। ये जिद्दी, साहसी, उत्साही, व्यवहार-कुशल, स्पष्टवादी, परिश्रमी, कर्तव्यनिष्ट, ईमानदार, समझदार, ज्ञानी, साहसी, दृढ़संकल्प, शीघ्र उत्तेजित हो जाने वाले व अपनी मेंहनत से कार्य करने वाले होते हैं। केमिस्ट, इंजिनियर, वकील, पुलिस, सेना-विभाग, अध्यापन, ज्योतिष, अनुसंधानकर्ता के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त करते हैं।
धनु राशि के स्वामी बृहस्पति होने से व्यक्ति ज्ञानी व समझदार होता हैं परंतु गुस्सा जल्दी करते हैं। हैं। इनमें विवेक, शक्ति और पराक्रम होता हैं। सौम्य शांत, सरल स्वभाव, धार्मिक प्रकृति, उदार हृदय, परोपकारी, संवेदनशील, करुणा, दया आदि भावनाओं से युक्त होते हैं। इनमें दुसरो के मनोभावों को जान लेने की विशेष क्षमता होती हैं।
✍️ पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद्