अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में एक माह पूर्व शुरू हुई मां वात्सल्य मिल्क बैंक में 294 महिलाओं ने अपने अमृत समान दूध का दान किया। इससे 258 नवजात बच्चों को पौष्टिक अहार मिल सका। यह दूध उन शिशुओं के लिए उपयोगी साबित होता है जो मां के दूध से किसी भी कारणवश वंचित हैं।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि नई शुरू हुई मिल्क (मां वात्सल्य ) बैंक में स्वच्छता और गुणवत्ता नियंत्रण के मानकों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। इस दूध बैंक के जरिए कमजोर और जरूरतमंद नवजातों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। सिविल अस्पताल परिसर स्थित 1200 बेड हॉस्पिटल में मानव दूध बैंक शुरू हुआ है, जिसे एक माह पूरा हो गया। उन्होंने वंचित शिशुओं के लिए मानव दूध दान करने की अपील की है। इस संबंध में अधिक से अधिक जागरूकता की जरूरत भी बताई।
आईसीयू वार्ड के 170 शिशुओं को लाभ
अस्पताल की पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष डॉ. जॉली वैष्णव के अनुसार एक महीने में जिन 258 बच्चों को इस दूध से लाभ हुआ है, उनमें से 243 बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें उनकी मां स्तनपान नहीं करा पा रही थीं। जिससे उनकी मां के दूध का दान लेकर उसकी प्रक्रिया कर बच्चों को दिया गया, जबकि अन्य 15 बच्चों को दाता महिलाओं की ओर से दान में दिए गए दूध को दिया गया। इन बच्चों में 170 बच्चे आईसीयू में भर्ती हैं, जबकि 103 बच्चे वार्ड में भर्ती रहकर माताओं के दूध से लाभान्वित हुए।
चिकित्सक के अनुसार कभी कभी स्थितिवश मां अपने शिशु को स्तनपान नहीं करा सकती तो कुछ ऐसे भी मामले होते हैं कि आईसीयू में मां बच्चे को दूध देने नहीं जा सकती है। ऐसे मामलों में माता मिल्क बैंक में दान करती है और दूध की कुछ प्रक्रिया के बाद उसे बच्चे को अहार के रूप में दिया जाता है।153 लीटर से ज्यादा दूध का संग्रह
मिल्क बैंक की इंचार्ज चिकित्सक डॉ. सुचेता मुंशी ने बताया कि एक माह के भीतर इस बैंक में 294 महिलाओं (माताओं) की ओर से 153.95 लीटर दूध दान में दिया है। 258 बच्चों को दूध का लाभ मिला है जबकि वर्तमान में 14.5 लीटर दूध पाश्चराइज्ड तथा 7.8 लीटर दूध बिना पाश्चराइज्ड के बैंक में संग्रहित है।