
वडोदरा. गांधीधाम. आणंद. राजकोट. छठ पूजा के तीसरे दिन सोमवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया। चौथे दिन मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
वडोदरा में रहने वाले हजारों छठ व्रतधारियों ने सोमवार शाम छठ पूजा के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। व्रतधारी दोपहर बाद से ही नदियों एवं तालाबों के किनारे गाजे-बाजे के साथ पहुंचने लगे। व्रतधारियों ने छठ के गीत गाते हुए अस्ताचलगामी सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। इसके बाद व्रतधारी गीत गाते हुए अपने-अपने घरों की ओर प्रस्थान कर गए। कई घरों में भजन कीर्तन एवं गीत गाकर रात्रि जागरण किया गया। व्रतधारी मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पूजा का समापन करेंगे। इसके बाद पारणा कर अन्न जल ग्रहण करेंगे। बिहार सांस्कृतिक मंडल की ओर से महीसागर नदी के तट पर कोटना बीच पर छठ पूजा समारोह में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें भोजपुरी, मैथली एवं मगही के कलाकारों ने भक्ति गीत गाकर लोगों का मनोरंजन किया। इस अवसर पर लोगों ने पटाखे फोड़ कर एवं भव्य आतिशबाजी कर अपनी खुशी जताई। इसी प्रकार, पूर्वांचल लोकहित मंडल की ओर से बापोद तालाब के किनारे आयोजित अखंड अष्टयाम यज्ञ में हजारों लोगों ने भाग लिया। मंडल की ओर से आयोजित भंडारे में हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। बिहार सांस्कृतिक मंडल के महासचिव विधान झा एवं पूर्वांचल लोकहित मंडल के अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह एवं महासचिव राजू तिवारी ने बताया कि व्रतधारियों के लिए आवश्यक प्रबंध किए।
गांधीधाम में छठ सेवा समिति की ओर से कार्गो क्षेत्र में झोपड़पट्टी, भारत नगर में उत्तर भारतीय समाज, आदर्श हनुमान मंदिर के पास उत्तर भारतीय छठ सेवा समिति, आदिपुर में छठ पूजा सेवा समिति, किडाणा िस्थत लक्ष्य सरोवर पर श्री छठ महापूजा सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इस अवसर पर गांधीधाम की विधायक मालती महेश्वरी, मनपा की स्थायी समिति के अध्यक्ष ए के सिंह आदि मौजूद थे। मंगलवार सुबह कच्छ के सांसद विनोद चावड़ा मुख्य अतिथि होंगे।
राजकोट में आजी नदी के किनारे पर छठ पूजा के तहत बड़ी संख्या में शामिल लोगों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
आणंद शहर में रहने वाले बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों के मूल निवासी परिवारों ने परंपरागत श्रद्धा और उत्साह के साथ सोमवार को मातेश्वरी सोसाइटी और अर्पित पार्क सोसाइटी में एकत्र होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से एक बड़ा कुंड तैयार किया गया था, जिसमें पानी भरकर उसके चारों ओर गन्ने की सजावट की गई। मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे के व्रत का समापन किया जाएगा।
Published on:
27 Oct 2025 10:50 pm
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