फोटो सोर्स- उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ)
Major negligence of education department regarding Shiksha Mitra शिक्षामित्रों की दिवाली अंधेरे में रहने वाली है। जिनको मिलने वाला अल्प मानदेय दीपावली के पहले नहीं मिल सका। जिससे शिक्षामित्रों में नाराजगी है। सोशल मीडिया पर मानदेय ना मिलने के कारण कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है। कोई अपने आप को रोबोट बता रहा है और लिख रहा है कि शिक्षामित्र का कोई त्यौहार नहीं होता है। वह तो रोबोट है ना खाता है ना पहनता है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश सचिव सुधाकर तिवारी और संगठन के पदाधिकारियों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर मानदेय दिलाने की मांग की। लेकिन जिले के सक्षम अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। अब धरना प्रदर्शन की तैयारी चल रही है।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश सचिव व जिलाध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर मानदेय दिलाने की मांग की गई। लेकिन जिले के सक्षम अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी से बातचीत के दौरान उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जिसका परिणाम भविष्य में दिखाई पड़ सकता है। दिवाली के बाद धरना प्रदर्शन देने की तैयारी है।
शिक्षामित्रों को मिलने वाला अल्प मानदेय दीपावली के पहले नहीं मिल सका। जिससे शिक्षामित्र नाराज है। सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है। कोई अपने आप को रोबोट बता रहा है और लिख रहा है कि शिक्षामित्र का कोई त्यौहार नहीं होता है। वह तो रोबोट है, ना खाता है ना पहनता है। मानदेय न मिलने के कारण काफी परेशानी हो रही है। दिवाली फीकी है। घर परिवार की आवश्यक ज़रूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं।
आईएफएससी कोड के कारण शिक्षामित्र के खाते में मानदेय ट्रांसफर नहीं हो पाई है। पीएफएमएस से अप्रूवल होने के बाद पीपीए जेनरेट होता है। जिसके बाद बैंक में लगाया जाता है। सबसे बड़ी कमी ब्लॉक संसाधन केंद्र का निकलकर सामने आया है जहां के जिम्मेदार कर्मचारियों आईएफएससी कोड जनरेट नहीं कर पाए वरना उपरोक्त सारे स्टेप आसानी से हो जाते हैं। लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण या समस्या खड़ी हुई है।
Published on:
20 Oct 2025 07:56 am
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