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रिटायरमेंट के एक दिन पहले मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी निलंबित, चहेते ठेकेदारों को ठेका देना पड़ा महंगा

Chief Veterinary Officer suspended a day before retirement उन्नाव के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। राज्यपाल के आदेश पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। प्रमुख सचिव ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

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जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई (फोटो सोर्स- पत्रिका)

फोटो सोर्स- पत्रिका

Chief Veterinary Officer suspended उन्नाव के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह को राज्यपाल के आदेश के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और उन्हें मुख्यालय पशुपालन विभाग, लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है। प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने यह आदेश जारी किया है। जिसके अनुसार मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशु चिकित्सालयों के मरम्मतीकरण और सौंदर्यीकरण का ठेका अपने चहेते ठेकेदारों को देकर घोर अनियमिताएं की हैं। इसके साथ ही संबंधित पशु चिकित्सालयों के पशु चिकित्सकों से कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र लिए बिना पूरा भुगतान कर दिया गया है।‌ महत्वपूर्ण बात यह है कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर महावीर सिंह कल 31 अक्टूबर 2025 को रिटायर हो रहे हैं। रिटायरमेंट के एक दिन पहले उन्हें निलंबित किया गया है।

विशेष सचिव ने डीएम को दिए जांच के निर्देश

उत्तर प्रदेश के उन्नाव के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह कार्यकाल के दौरान चर्चा में बने रहे। पशु चिकित्सालयों में सामग्रियों की खरीदारी में गड़बड़ी करने का भी आरोप लग रहा था। इस संबंध में विशेष सचिव देवेंद्र कुमार पांडे ने जिलाधिकारी को पत्र भेज कर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर महावीर सिंह के ऊपर लग रहे आरोपों की जांच के निर्देश दिए थे। इस संबंध में जिला प्रशासन ने जांच करवा कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। जिस पर यह कार्रवाई की गई है।

क्या लिखा है प्रमुख सचिव के आदेश में?

प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने आदेश पत्र में विस्तृत जानकारी दी है। जिसके अनुसार पशु चिकित्सालयों के मरम्मत का कार्य गुणवत्ताविहीन और मानकविहीन हुआ है। संबंधित पशु चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी से कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र लिए बिना चाहते ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया था।

अधिक दामों में खरीदी गई सामग्रियां

इसके साथ ही पशु चिकित्सालयों और कार्यालय के लिए खरीदी गई सामग्रियां निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य में खरीदी गई है। जो वित्तीय गबन है। अपने दायित्व और कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरतने के कारण राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 के नियम 7 के अंतर्गत अनुशासनिक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। राज्यपाल के आदेश पर सीवीओ को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन काल में जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्ध वेतन पर देय होगा।‌