जैसलमेर में स्थित यह महत्वपूर्ण हिन्दु मंदिर है, जिसका आधार मूल रूप में पंचयतन के रूप में था। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में 'राव जैसल' ने कराया था। अलाउद्धीन के आक्रमण के काल में इस मंदिर का काफी बङा भाग ध्वस्त कर दिया गया था। मंदिर के सभा मंडप के खंभों पर घटपल्लव आकृतियाँ बनी है। इसके गर्भ गृह, गूढ़ मंडप तथा अन्य भागों का कई बार जीर्णोधार करवाया जा चुका है। मंदिर के दो किनारे दरवाजों पर जैन तीर्थकरों की प्रतिमाएँ भी उत्कीर्ण है। गणेश मंदिर की छत में सुंदर विष्णु की सर्पो पर विराजमान मूर्तियां है