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<strong>इटारसी।</strong> इंडियन रेलवे का इटारसी जंक्शन मध्यप्रदेश में प्रमुख स्थान रखता है। होशंगाबाद जिले में स्थित यह जंक्शन प्रदेश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है। दिल्ली-चेन्नई मेन लाइन एवं मुम्बई-जबलपुर जाने के लिए यह मुख्य मार्ग है, यहां जाने के लिए इटारसी स्टेशन से ही होकर जाना पड़ता है। यहां के&nbsp;8 प्लेटफॉर्म प्रतिदिन हजारों यात्री आना-जाना करते हैं। <strong>प्रतिदिन गुजरती हैं&nbsp;350 ट्रेनें</strong>इटारसी शहर पश्चिम मध्य रेल्वे का मुख्य स्टेशन और सबसे बड़ा जंक्शन है। इस स्टेशन से प्रतिदिन करीब 350 ट्रेनें गुजरती हैं। <strong>करीब&nbsp;7 से&nbsp;8 हजार कर्मचारी</strong> भोपाल मंडल के इस बड़े जंक्शन में रेलवे के करीब ७ से ८ हजार कर्मचारी काम करते हैं, यहां आने वाले नए कर्मचारियों के लिए एक बेसिक ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया गया है, जहां इनको ट्रेनिंग दी जाती है। वर्तमान में यहां एस. के जैन स्टेशन प्रबंधक का काम देख रहे हैं। <strong>रेलवे का बड़ा मालगोदाम</strong> इटारसी में रेलवे का बड़ा मालगोदाम है जिससे रेलवे को प्रतिमाह करीब ५ से ७ करोड़ रुपए की आय होती है। मंडल में होने वाली आय का प्रमुख श्रोत इटारसी का यह माल गोदाम है। <strong>प्रसिद्बी का यह कारण</strong>पश्चिम मध्य रेलवे के इस प्रमुख जंक्शन में बिजली इंजन शेड और डीजल इंजन शेड दोनों हैं। यहां पर बिजली और डीजल इंजन की मरमत की जाती है। यह दोनों सुविधाएं इसे अन्य बड़े स्टेशनों से अलग करतीं हैं। <strong>इंट्री ग्रेटिंड सिक्यूरिटी सिस्टम</strong> सबसे खास बात यहां पर इंट्री गे्रटिड सिक्यूरिटी सिस्टम है, जिसके माध्यम से यहां सीसीटीवी से निगरानी रखी जाती है। <strong>यह रहा सबसे बड़ा हादसा</strong>भोपाल रेल मंडल के इटारसी जंक्शन के सेंट्रल केबिन के करीब १७ जून २०१५ को तीन मंजिला भवन में लगे रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई) सिस्टम में में आग लग गई थी, इससे ट्रेनों के लिए पटरी बदलने और सिग्नल देने की व्यवस्था ठप हो गई। इस कारण दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चैन्नई, नागपुर, इंदौर, भोपाल के लिए जाने वाली 57 ट्रेनों के रूट बदलने पड़े और 11 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। नया आरआरआई सिस्टम अपग्रेड करने में करीब 10 दिन का समय लगा था। पूरी तरह मामला ठीक होने में&nbsp;35 दिन का समय लगा था। इसके बाद देशभर में आरआरआई की महत्वता लोगों को पता चली थी।