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गद्दरखेड़ा में करीब सौ वर्ष पुराने जोहड़ की साफ-सफाई में जुटे ग्रामीण

-नौ दिवस से जारी है सिल्ट व कचरा आदि निकालने का कार्य

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गद्दरखेड़ा में करीब सौ वर्ष पुराने जोहड़ की साफ-सफाई में जुटे ग्रामीण

सादुलशहर. गांव गद्दरखेड़ा में जौहड़ की साफ-सफाई का कार्य करते ग्रामीण।

सादुलशहर @ पत्रिका. गांव गद्दरखेड़ा के ग्रामीणों ने रचनात्मक पहल करते हुए गांव के सार्वजनिक जोहड़ की साफ-सफाई का कार्य शुरू किया है। यह कार्य शुक्रवार को 10वें दिन पूर्ण कर लिया जाएगा। जागरूक ग्रामीण अमनदीप सिंह बराड़ ने बताया कि करीब एक सौ वर्ष पूर्व इस सार्वजनिक जोहड़ का निर्माण करीब अढ़ाई बीघा क्षेत्र में गांव में स्थित डेरा बाबा श्रवणदास जी की ओर से करवाया गया था। तत्कालीन समय में ग्रामीण इस जोहड़ का पानी पीने आदि के लिए उपयोग करते थे। गांव में जल योजना स्थापित होने के बाद इस जौहड़ का उपयोग बेसहारा गोवंश, पक्षियों, भेड़-बकरियों आदि के पानी पीने के लिए किया जा रहा है। जौहड़ में जमी सिल्ट व कचरा आदि निकालने का कार्य पूर्व में करीब एक दशक पूर्व किया गया था। अब जौहड़ में काफी सिल्ट जमा हो गई थी। जागरूक ग्रामीणों ने एकत्रित होकर इस जौहड़ की साफ-सफाई का संकल्प लिया था, ताकि आगामी गर्मियों के मौसम में जौहड़ में पूरा पानी क्षमता अनुसार एकत्रित किया जा सके। इसी कड़ी में 9 दिन पूर्व जौहड़ से सिल्ट व कचरा आदि निकालने का कार्य शुरू किया गया था। इस कार्य में पांच ट्रैक्टरों ने कराहों की सहायता से जमी सिल्ट व कचरे को बाहर निकाला। यह कार्य शुक्रवार को पूर्ण कर लिया जाएगा। इस कार्य में अमनदीप सिंह बराड़, समनदीप सिंह, लखबीर सिंह, जगत सिंह, जगमीत सिंह, सुखमन्द्र सिंह, तुलसाराम, रामेश्वरलाल, राशि खान व इकबाल सिंह आदि सेवाएं दे रहे हैं।

ग्रामीणों ने विधायक से की जोहड़ को पक्का करवाने की मांग

जागरूक ग्रामीण अमनदीप सिंह बराड़ ने बताया कि ग्रामीणों ने विधायक गुरवीर सिंह बराड़ से उक्त जौहड़ को अमृतम् जलम योजना के तहत पक्का करवाने की मांग की है। जौहड़ पक्का होने से पानी की व्यर्थ बर्बादी रुकेगी। इसके अलावा ग्रामीणों की मांग है कि जौहड़ के किनारे करीब एक दर्जन पीपल व बरगद के विशालकाय पेड़ हैं। इन पेड़ों की छांव में गर्मियों के दिनों में ग्रामीण बैठते हैं। इन पेड़ों के नीचे बैठने के लिए पक्के चबूतरे बनाए जाएंं, ताकि जौहड़ का सौन्दर्यकरण बढ़ सके।