श्रीगंगानगर.राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी (आरएएस) परीक्षा 2023 का फाइनल परीक्षा-परिणाम बुधवार को घोषित किया गया। इस परिणाम में जिले के कई होनहार विद्यार्थियों ने सफलता का परचम लहराया है। इन विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत और लगन ने उन्हें इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता दिलाई है। खासतौर पर गांव कालियां निवासी दीक्षा लोहिया का नाम चर्चा में है, जिन्होंने पहले ही प्रयास में आरएएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर जिले का नाम रोशन किया है।
सोशल मीडिया से दूरी,प्रतिदिन 14 घंटे पढ़ाई
दीक्षा लोहिया (24 वर्षीय) पुत्री मुकेश मोहिया ने बताया कि आरएएस की पढ़ाई घर से ऑनलाइन के माध्यम से जयपुर से कोचिंग लेकर पूरी मेहनत से तैयारी की गई। वे प्रतिदिन 12 से 14 घंटे तक लगातार पढ़ाई करती थीं और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखती थीं। उन्होंने टेलीग्राम और व्हाट्सएप का ही इस्तेमाल अध्ययन के लिए किया। दीक्षा ने कहा कि उन्होंने अपने स्कूली पढ़ाई गुरुनानक गल्र्स सीनियर सेकंडरी स्कूल और गुरुनानक पीजी कॉलेज,श्रीगंगानगर से की,जहां उन्होंने 12वीं कक्षा में विज्ञान संकाय में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
गांव गृहिणी व पिता किसान,मिलता रहा प्रोत्साहन
उनके पिता मुकेश लोहिया खेती-किसानी का कार्य करते हैं,जबकि मां लाजवंती देवी गृहिणी है और परिवार का पालन-पोषण करती हैं। छोटा भाई समीर भी उनकी पढ़ाई में सहयोग करता था। दीक्षा का सपना हमेशा से ही आरएएस बनने का था, और उन्होंने इस दिशा में कठोर मेहनत की। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने गांव की बेटी ममता लहुआ को भी आरएएस की परीक्षा पास करते हुआ देखा, तो उनका हौसला और भी बढ़ गया। दीक्षा ने अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर कठिन मेहनत की और सफलता हासिल की।
युवाओं को दिया संदेश
यह सफलता न केवल दीक्षा की परिश्रम का परिणाम है,बल्कि यह जिले के युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। "विश्वास और परिश्रम से ही सफलता की मंजिल तय की जा सकती है। समर्पण और सही रणनीति के साथ कोई भी युवा अपने सपनों को साकार कर सकता है।