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बिना लाइसेंस और बिना डिग्री डॉक्टर चला रहा था हॉस्पिटल

- जांच कमेटी के खुलासे के बाद कोतवाली में संचालक के खिलाफ एफआइआर

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श्रीगंगानगर. पी ब्लॉक में िस्थत गोविन्दम हॉस्पिटल की पहली मंजिल किराए पर लेकर लाइफ लाइन हॉस्पिटल के संचालक के पास कोई डिग्री या प्रशिक्षित नहीं था, इसके बावजूद उसने रोगियों को भ्रमित करने के लिए खुद को चिकित्सक बताया। लेकिन पिछले माह एक महिला की डिलीवरी के दौरान हुई मौत ने इसका खुलासा कर दिया है। इस संबंध में उपखंड अधिकारी की अगुवाई में गठित जांच समिति ने लाइफ लाइन हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंषा की। इस पर कोतवाली पुलिस ने इस हॉस्पिटल के संचालक कथित चिकित्सक हरमोद कुमार गोदारा उर्फ डा. प्रमोद कुमार गोदारा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले की जांच एएसआई कृष्ण स्याग को दी गई है। जांच अधिकारी ने बताया कि एसडीएम नयन गौतम, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. मुकेश मेहता और राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्त्री रोग एवं प्रसूति रोग विभाग की सहायक आचार्य डा. शशि पंचारिया की गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भिजवाई है। इस रिपोर्ट में बताया कि लाइफ लाइन हॉस्पिटल के संचालक हरमोद कुमार उर्फ प्रमोद कुमार स्वयं को प्रशिक्षित चिकित्सक बताकर स्वयं का परिचय डा. प्रमोद के रूप में बताता रहा है। पोस्ट ऑपरेटिव केयर में स्वयं को प्रशिक्षित व अनुभवी चिकित्सक बताकर लोगों भ्रमित और गुमराह किया जा रहा है। उसके पास कोई डिग्री या प्रशिक्षण कोर्स नहीं मिला। यह कथित चिकित्सक लालगढ़ का रहने वाला है। पुलिस ने क्लीनिकल एस्टेंबलिशमेंट के तहत मामला दर्ज किया है।
चिकित्सक बोले, हमने तो हरमोद को किया था सुपुर्द
बींझबायला निवासी चन्द्रमुखी पत्नी मनोज कुमार जाट को उसके परिजन एक सितम्बर को पी ब्लॉक में गोविन्दम हॉस्पीटल की प्रथम मंजिल पर संचालित लाइफ लाइन हॉस्पिटल में लेकर आए थे। सिजेरियन ऑपरेशन से डिलीवरी करने का बात कही गई। तब वहां संचालक हरमोद कुमार ने ऑन कॉल स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. तमन्ना गर्ग और डा. गोविन्दराम व निश्चेतन विशेषज्ञ डा. अनुपमा तलुजा को बुलाया। इन चिकित्सकों ने जांच कमेटी को बताया कि वे महिला चन्द्रमुखी को इस दिन सुबह 11.20 बजे सिजेरियन ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थियेटर में ले गए। सुबह 11:33 बजे थियेटर में महिला ने बच्चे को जन्म दिया। दोपहर करीब 12 बजे चन्द्रमुखी की सामान्य हालत होने पर हरमोद कुमार को सुपुर्द कर वे वापस चले आए। दोपहर साढ़े बारह बजे चन्द्रमुखी को घबराहट या दौरे आने पर हरमोद ने लालगढिया हॉस्पिटल के आईसीयू के लिए रैफर कर दिया लेकिन वहां पहुंचने से पहले चन्द्रमुखी की मौत हो गई। जांच कमेटी के अनुसार ऑपरेशन के उपरांत रोगी को घबराहट या दौरे आने पर कोई इंजेक्शन लगाने के संबंध में पूछताछ की गई तो स्टाफ ने इनकार कर दिया। जांच कमेटी ने हाॅस्पिटल की जांच के दौरान पाया कि हॉस्पीटल संचालन के लिए पूर्णकालिक चिकित्सक होना चाहिए लेकिन वहां ऐसे चिकित्सक नहीं थे।
किराये पर दी थी यह बिल्डिंग
जांच कमेटी ने गोविन्दम हॉस्पीटल संचालक डा. राकेश बवेजा से भी पूछताछ की। उन्हेांने पल्ला झाडते हुए बताया कि उसने तो हॉस्पिटल की प्रथम मंजिल डा. हरमोद को किराये पर दे रखी है। उसके रोगी की जांच वे नहीं करते। इस संबंध में किरायानामा के दस्तावेज भी जांच कमेटी को दिए।