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सर्वे: कम हुई फसल से चीनी मिल की उत्पादन क्षमता पर पड़ेगा प्रभाव

श्रीगंगानगर में 11 हजार 800 बीघा में गन्ने की फसल रहने का अनुमान

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  • श्रीगंगानगर.जिले के करणपुर के कमीनपुरा स्थित शुगर मिल में मशीनों का रख-रखाव का कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे नवंबर में फाइनल ट्रायल किया जाएगा। वहीं, 15 दिसंबर के बाद गन्ना पिराई सीजन शुरू हो जाएगा। इस बीच,मिल प्रबंधन गन्ने का फाइनल सर्वे कर रहा है,जो 30 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। सर्वे का कार्य अंतिम चरण में है। विदित है कि अप्रेल से जून तक गंगनहर में नहरबंदी और पानी की कमी के कारण गन्ना की बुवाई का क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

चल रहा गन्ने का फाइनल सर्वे

  • प्रथम सर्वे के अनुसार इस बार जिले में करीब सात हजार बीघा गन्ने का क्षेत्रफल घट गया है। पिछले साल जिले में कुल 19 हजार बीघा गन्ने की फसल थी, जो अब घटकर लगभग 12,800 बीघा रह गई है। फाइनल सर्वे में एक हजार बीघा और कम होने का अनुमान है, जिससे गन्ने का कुल क्षेत्रफल 11,800 बीघा तक रह सकता है। फसल में आई इस कमी का सीधा असर श्रीकरणपुर शुगर मिल की गन्ना पिराई पर पड़ेगा। पिछले साल मिल को 15.91 लाख क्विंटल गन्ना प्राप्त हुआ था,जबकि इस बार संभावना है कि यह मात्रा घटकर कम हो जाएगी। इससे गन्ना की पिराई की मात्रा और चीनी का उत्पादन दोनों प्रभावित होंगे,जिसका सीधा असर किसानों की आमदनी पर भी पड़ेगा।

नई वैरायटी पर किसानों को उमीद

  • शुगर मिल प्रबंधन के अनुसार इस बार 70 प्रतिशत गन्ना बीजू और 30 प्रतिशत मोढ़ी होगा। मोढ़ी गन्ने का औसत उत्पादन 150 क्विंटल प्रति बीघा और बीजू गन्ना 200 क्विंटल प्रति बीघा होता है। किसानों ने इस बार सीओएल-160 और पीवी-95 जैसी नई वैरायटी को प्राथमिकता दी है। गन्ने का क्षेत्रफल कम होना नुकसानदायक साबित होगा।

यहां पर होती है गन्न की अधिक फसल

  • जिले में गन्ने की सर्वाधिक खेती श्रीकरणपुर क्षेत्र में होती है। इसके अलावा गजसिंहपुर, पदमपुर, केसरीसिंहपुर, श्रीविजयनगर और श्रीगंगानगर इलाके में भी गन्ने की बुवाई की जाती है।

फैक्ट फाइल

  • 19 हजार बीघा गन्ना की फसल थी पिछले साल
  • 12 हजार 800 बीघा रह गया इस बार घटकर
  • 1 हजार बीघा कम होने का अनुमान फाइनल सर्वे में
  • 11 हजार 800 बीघा तक कुल रकबा रहने की संभावना

सर्वे का कार्य अंतिम चरण में

  • गन्ने की फसल का फाइनल सर्वे का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है और 30 अक्टूबर तक कंप्लीट हो जाएगा। इस बार गन्ने का क्षेत्रफल करीब सात हजार बीघा कम हो जाएगा। अब फाइनल सर्वे में क्षेत्रफल और कम हो सकता है। इससे गन्ना के उत्पादन में कमी से शुगर मिल और किसानों दोनों को नुकसान होगा।
  • सुधीर जावला, उप महाप्रबंधक, शुगर मिल, श्रीगंगानगर।