श्रीगंगानगर.शिक्षा विभाग ने जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के 400 विद्यालयों में पोषाहार की गुणवत्ता और रिकॉर्ड की जांच करवाई है। इसके लिए 96 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई, जिनमें 85 ग्रामीण और 11 शहरी क्षेत्रों में तैनात किए गए। जांच में जिला स्तर से लेकर एडीएम और जिला परिषद सीइओ स्तर तक के अधिकारी शामिल रहे।
जिला परिषद सीइओ गिरधर ने गांव कालियां के स्कूल में औचक निरीक्षण किया, जबकि एडीएम सुभाष कुमार ने शहर के पुरानी आबादी क्षेत्र स्थित विद्यालय का जायजा लिया। जिले में कक्षा एक से आठवीं तक प्रतिदिन 1.32 लाख विद्यार्थियों को पोषाहार दिया जाता है, जिस पर प्रति माह लगभग 1.14 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
किन बिंदुओं पर हुई जांच
अधिकारियों ने विद्यालयों में दिए जा रहे पोषाहार की गुणवत्ता, निर्धारित मापदंडों का पालन, वितरण प्रक्रिया, उपस्थिति पंजिका, भंडारण व्यवस्था, स्टॉक गेहूं-चावल, रसोईघर की सफाई, कैश बुक और एमडीएम रिकॉर्ड की गहन जांच की। साथ ही दुग्ध वितरण की स्थिति और बच्चों को परोसे जा रहे भोजन की वास्तविक उपलब्धता का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान इस बात की भी पड़ताल की गई कि भोजन वितरण में जाति, धर्म और लिंग के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव तो नहीं हो रहा है।
रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक हीरालाल बिश्नोई ने बताया कि पोषाहार गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट सोमवार तक प्राप्त होगी। रिपोर्ट में जहां भी कमियां सामने आएंगी, वहां जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।