श्रीगंगानगर.जिले में जर्जर सरकारी स्कूलों की स्थिति अब सुधरेगी। जिला प्रशासन ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) और मुख्यमंत्री थार सीमा क्षेत्र विकास योजना के तहत 314 कक्षा कक्षों का निर्माण करने का निर्णय लिया है। इस पर 38 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। जिला परिषद ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और जल्द ही इन नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि झालावाड़ में स्कूल भवन में हुए हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने जर्जर भवनों में पढ़ाई व बैठने की व्यवस्था को बंद कर दिया था। अस्थायी रूप से आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक भवन, पीएचसी, ग्राम पंचायत भवन या अन्य सरकारी व निजी भवनों में पढ़ाई कराई जा रही है। इनमें से कुछ स्कूल तो शेड के नीचे संचालित हो रहे हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं। हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने तकनीकी विशेषज्ञों की टीम गठित कर जिलेभर के स्कूलों का सर्वेक्षण कराया था। सर्वेक्षण में जर्जर कक्षा कक्षों का आकलन किया और आवश्यक बजट की मांग की गई।
पहली बार तीन सौ से अधिक कमरों का निर्माण
समग्र शिक्षा अभियान के एडीपीसी अरविंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री थार योजना के तहत 25 करोड़ रुपए से 191 कक्षों का निर्माण, 38 पुस्तकालय, तीन स्कूलों की चारदीवारी और 13 विद्यालयों में छोटे-मोटे कार्य किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त डीएफमएफटी के तहत 123 कक्षा कक्ष, दो बॉलीवॉल खेल मैदान सहित अन्य पर करीब 13.1 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पहली बार तीन सौ से अधिक कमरों का निर्माण एक साथ हो रहा है।
38 करोड़ रुपए की राशि
मुख्यमंत्री थार व डीएमएफटी योजना में 38 करोड़ रुपए की राशि स्कूलों में कक्षा कक्ष निर्माण, पुस्तकालय, चारदीवारी व अन्य निर्माण कार्यों पर खर्च की जाएगी।