जयपुर। बच्चों को बिस्तर पर सुला देना, यह जरूरी नहीं कि वे वास्तव में सो रहे हों। ब्राउन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में यह सामने आया है कि माता-पिता अक्सर अपने बच्चों की नींद के समय को अधिक आंकते हैं। अध्ययन में 102 प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को एक सप्ताह तक एक्टिविटी ट्रैकर पहनाया गया और उनके नींद के पैटर्न को माता-पिता की रिपोर्ट से तुलना की गई। अध्ययन में पता चला कि 83% माता-पिता मानते थे कि उनके बच्चे पर्याप्त नींद ले रहे हैं, जबकि ट्रैकर डेटा ने दिखाया कि केवल 14% बच्चे ही राष्ट्रीय नींद मानकों (6–12 साल के बच्चों के लिए 9–12 घंटे) को पूरा कर पा रहे थे।
सच और अनुमान में फर्क
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार 6–12 साल के बच्चों को रात में 9–12 घंटे नींद की जरूरत होती है। ट्रैकर से पता चला कि बच्चे औसतन 8 घंटे 20 मिनट ही सो रहे थे, जबकि माता-पिता ने 9½ घंटे से ज्यादा की नींद बताई। अतिरिक्त समय उस “अदृश्य बीच-बीच की जागरूकता” में चला गया। बच्चे औसतन 38 मिनट प्रति रात जागते थे, जबकि माता-पिता ने इसे केवल 5 मिनट अनुमानित किया। ये छोटे-छोटे जागने के क्षण अक्सर ध्यान में नहीं आते, लेकिन कुल नींद में कमी कर देते हैं।
जातीय और सामाजिक अंतर
अध्ययन में विशेष रूप से जातीय और सामाजिक अंतर को भी देखा गया। अध्ययन में आधे से ज्यादा बच्चे लैटिनो समुदाय से थे। लैटिनो बच्चों की औसत नींद आठ घंटे के थोड़ा ऊपर थी, जबकि गैर-लैटिनो बच्चों की औसत नींद लगभग आठ घंटे 30 मिनट थी। केवल 4.4% लैटिनो बच्चों ने राष्ट्रीय मानकों को पूरा किया, जबकि गैर-लैटिनो बच्चों में यह आंकड़ा 22.8% था।पढ़ाई, खेलकूद, कमरे साझा करना और सोने के समय की आदतें माता-पिता के अनुमान और वास्तविक नींद पर असर डालती हैं।
नींद की कमी के असर
नींद की कमी बच्चों में अक्सर सीधे तौर पर थकान नहीं दिखाती, लेकिन इसके असर मनोदशा में बदलाव, सुबह की सुस्ती, ध्यान की कमी, सीखने की धीमी प्रक्रिया और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के रूप में सामने आते हैं।
बच्चों की नींद बेहतर बनाने के उपाय
अगर बच्चा सोने में समय लेता है, जोर-जोर से खर्राटे लेता है, अक्सर जागता है या दिन में बहुत थका हुआ या चिड़चिड़ा लगता है, तो बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। अध्ययन यह संदेश देता है कि “बिस्तर पर सुलाना” हमेशा “सोना” नहीं होता। छोटे-छोटे बदलाव जैसे नियमित समय, हल्की गतिविधि और सही वातावरण बच्चों की नींद और दिन की ऊर्जा दोनों में सुधार कर सकते हैं। यह अध्ययन Frontiers in Pediatrics जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
Published on:
12 Oct 2025 07:55 pm
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