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अलवर की हवा में घुल रहा;  दीपावली पर बढ़ा प्रदूषण, निगम ने कराया पानी का छिड़काव

अलवर शहर में प्रदूषण का स्तर अब भी खतरनाक श्रेणी के करीब बना हुआ है। बुधवार 22 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 159 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। हालांकि यह 21 अक्टूबर के मुकाबले कुछ कम है, जब AQI 234 तक पहुंच गया था। वहीं 20 अक्टूबर को यह 123 और 19 अक्टूबर को 94 था, जो “संतोषजनक” श्रेणी में दर्ज किया गया था।

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अलवर शहर में प्रदूषण का स्तर अब भी खतरनाक श्रेणी के करीब बना हुआ है। बुधवार 22 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 159 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। हालांकि यह 21 अक्टूबर के मुकाबले कुछ कम है, जब AQI 234 तक पहुंच गया था। वहीं 20 अक्टूबर को यह 123 और 19 अक्टूबर को 94 था, जो “संतोषजनक” श्रेणी में दर्ज किया गया था।

दीपावली के बाद पटाखों के धुएं ने प्रदूषण स्तर को और बढ़ा दिया है। एनसीआर क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट की ओर से ग्रीन पटाखों की अनुमति मिलने के बावजूद अलवर की हवा में कणीय पदार्थ (PM2.5 और PM10) की मात्रा अधिक पाई जा रही है। अलवर में लगातार बढ़ रहे धूलकण और वाहनों से निकल रहे धुएं व निर्माण कार्यों के कारण भी वायु गुणवत्ता बिगड़ रही है।

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम की ओर से सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया। निगम कर्मियों ने मुख्य बाजार, बस स्टैंड और अधिक ट्रैफिक वाले इलाकों में टैंकरों से छिड़काव कर धूल उड़ने से रोकने का प्रयास किया। साथ ही सफाई व्यवस्था को भी सख्ती से लागू किया जा रहा है।


इसके अलावा फायर ब्रिगेड और एंटी स्मोक गन की मदद से शहर के प्रदूषित इलाकों में फॉगिंग और धूल नियंत्रण की कार्रवाई जारी है। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि आगामी दिनों में तापमान में गिरावट और वाहनों की बढ़ती आवाजाही के चलते प्रदूषण और बढ़ने की संभावना है, इसलिए निगरानी और नियंत्रण उपाय लगातार जारी रहेंगे।