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सब्जियों में पहली बार पाए गए प्लास्टिक के कण, बढ़ा खाद्य सुरक्षा का खतरा

एक नए अध्ययन में यह दिखाया गया है कि नैनोप्लास्टिक (बहुत छोटे प्लास्टिक कण) फसलों में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य पर सवाल उठ रहे हैं।

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शालिनी अग्रवाल

जयपुर। प्लास्टिक प्रदूषण केवल समुद्र और जंगली जीवों के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि यह हमारी रोज़मर्रा की खाने की चीज़ों तक भी पहुंच सकता है। एक नए अध्ययन में यह दिखाया गया है कि नैनोप्लास्टिक (बहुत छोटे प्लास्टिक कण) फसलों में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य पर सवाल उठ रहे हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि सबसे छोटे प्लास्टिक कण भी खाने योग्य सब्जियों के ऊतकों में जा सकते हैं। उन्होंने मूली (radish) का प्रयोग करके दिखाया कि नैनोप्लास्टिक जड़ से होकर मांसल हिस्सों तक पहुंच सकते हैं।

ये प्लास्टिक कण इतनी छोटी मात्रा में होते हैं कि लगभग दिखाई नहीं देते, लेकिन हानिकारक हो सकते हैं। यह शोध बताता है कि मनुष्य और जानवर नैनोप्लास्टिक केवल समुद्री भोजन या पानी से ही नहीं, बल्कि सब्जियों के माध्यम से भी ले सकते हैं।

प्लास्टिक सब्जियों में कैसे प्रवेश करता है
प्लायमाउथ विश्वविद्यालय की टीम ने हाइड्रोपोनिक प्रणाली (जल कृषि) में प्रयोग किया। मूली को रेडियोलेबल कार्बन वाले पॉलीस्टाइरीन नैनोपार्टिकल्स के घोल में रखा गया। पाँच दिन बाद, शोधकर्ताओं ने मापा कि कितने कण सब्जियों में प्रवेश कर गए।

रिपोर्ट में सामने आया कि लगभग 5% कण पौधों में पहुँच गए। लाखों नैनोप्लास्टिक जड़ों में जमा हो गए, और इसका लगभग एक चौथाई हिस्सा खाने योग्य हिस्सों में चला गया। पत्तियों में भी 10% कण पाए गए, जिससे स्पष्ट हुआ कि ये केवल जड़ों तक सीमित नहीं रहते बल्कि पूरे पौधे में फैल जाते हैं।

पौधों की सुरक्षा बाधाएं पार
डॉ. नेथेनियल क्लार्क ने बताया कि पौधों की जड़ों में एक परत होती है, जिसे Casparian strip कहते हैं, जो हानिकारक कणों को रोकती है। लेकिन यह अध्ययन दिखाता है कि नैनोप्लास्टिक इस परत को पार कर सकते हैं और पौधों में जमा होकर खाने वाले जीवों तक पहुँच सकते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह केवल मूली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि संभव है कि यह विभिन्न प्रकार की सब्जियों में भी हो रहा हो।

प्लास्टिक प्रदूषण सिर्फ सब्जियों तक सीमित नहीं
इस टीम ने पहले भी पाया था कि प्लास्टिक नैनोपार्टिकल्स मछली और शंखपादियों में तेजी से जमा होते हैं। अब यह अध्ययन दिखाता है कि सब्जियां भी इस चक्र का हिस्सा हो सकती हैं।

स्वास्थ्य पर प्रभाव
प्रोफ़ेसर रिचर्ड थॉम्पसन के अनुसार, पर्यावरण में पाए जाने वाले कण केवल समुद्री भोजन में ही नहीं, बल्कि सब्जियों में भी जमा हो सकते हैं। जब फसल नैनोप्लास्टिक अवशोषित करती है, तो ये कण पशुओं और अंततः मनुष्यों तक पहुँच सकते हैं।

नैनोप्लास्टिक बड़े प्लास्टिक की तरह आसानी से पता नहीं लगते और एक बार ऊतकों में पहुँचने के बाद निकालना लगभग असंभव होता है। इसका मतलब है कि रोज़ाना छोटी मात्रा में लगातार जोखिम हो सकता है।

भविष्य की दिशा
यह अध्ययन स्पष्ट करता है कि प्लास्टिक प्रदूषण सिर्फ नदियों और समुद्र तक सीमित नहीं है। यह पौधों में भी प्रवेश कर सकता है और हमारे भोजन तथा स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

भविष्य के शोध में यह पता लगाना जरूरी है कि विभिन्न फसलें नैनोप्लास्टिक को अलग-अलग मात्रा में अवशोषित करती हैं और इसका पोषण और स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है।

यह अध्ययन Environmental Research जर्नल में प्रकाशित हुआ है।