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1.4 अरब साल पुराने जीवन के निशान… सलखन फॉसिल्स पार्क को मिला यूनेस्को से बड़ा मान, क्या बदल जाएगी सोनभद्र की किस्मत?

दुनिया के सबसे पुराने संरक्षित फॉसिल्स पार्क को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल करने के प्रयासों में बड़ी सफलता मिली है।

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PC: सोनभद्र की आधिकारिक वेबसाइट:

सोनभद्र जिले में स्थित सलखन फॉसिल्स पार्क को यूनेस्को की संभावित विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है। यह पार्क 1.4 अरब वर्ष पुराने जीवाश्मों का अद्भुत भंडार है और यह खबर भारत के वैज्ञानिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को वैश्विक स्तर पर मान्यता देने की दिशा में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

63 स्थलों का प्रस्ताव

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में यूनेस्को में देशभर से 63 स्थलों का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें सलखन का यह प्राचीनतम फॉसिल पार्क भी शामिल है। यदि मूल्यांकन प्रक्रिया सफल रही तो आने वाले दो वर्षों में भारत को 43 नए वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स मिल सकते हैं। बता दें कि वर्तमान में भारत में कुल 42 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं।

कहां है यह पार्क?

सलखन फॉसिल्स पार्क, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में ओबरा वन प्रभाग के अंतर्गत स्थित है। यह पार्क लगभग 25 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इसे बनवासी जीवाश्म उद्यान के नाम से भी जाना जाता है।

प्री-कैंब्रियन युग (Precambrian Era) के हैं जीवाश्म

यहां मौजूद जीवाश्म प्री-कैंब्रियन युग (Precambrian Era) के हैं, यानी धरती पर जीवन की शुरुआत के सबसे पुराने प्रमाण। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह फॉसिल्स उस समय के हैं जब जीवन समुद्र की गहराइयों में विकसित हो रहा था।

खोज और विकास

इस पार्क की खोज 2001 में भारत सरकार के भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग (GSI) द्वारा की गई थी। इसके बाद वन विभाग ने इसे संरक्षित क्षेत्र के रूप में विकसित किया। वन प्रभाग अधिकारी शिवदानी राय ने पुष्टि की है कि पार्क का नाम यूनेस्को की संभावित सूची में दर्ज किया गया है।

क्या मिलेगा फायदा?

1-भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई सांस्कृतिक और वैज्ञानिक पहचान।
2-सोनभद्र जैसे पिछड़े जिले में पर्यटन को बढ़ावा।
3-स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर।
4-फॉसिल्स का वैज्ञानिक संरक्षण और शोध को प्रोत्साहन।