राजग में नीतिश का नेतृत्व अस्वीकार, चिराग पासवान ने की अलग चुनाव की घोषणा
सिवान(बिहार): (Bihar News ) आखिरकार कई दिनों से चली रही खींचतान का अंत बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (Disaccord in NDA) के विखंडन से हो गया। लोकजनशक्ति पार्टी (LJP ) प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan ) ने जनता दल युनाइटेड (Chirag announced contest) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लडऩे से इंकार करते हुए चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। अब लोजपा बिहार की 143 सीटों से अकेले (LJP contested 143 seats ) चुनाव लड़ेगी।
मणिपुर की तर्ज पर
यह चुनावी जोर-आजमाईश भाजपा से मणिपुर की तर्ज पर लड़ी जाएगी। मणिपुर में लोजपा अैर भाजपा ने राजग में रहते हुए फे्रंडली चुनाव लड़ा था। वर्ष 2017 में मणिपुर विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ा था। बाद में लोजपा सरकार में शामिल हो गई।
संसदीय बोर्ड की बैठक में निर्णय
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की अध्यक्षता में रविवार को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई। चिराग पासवान ने सीट बंटवारे को लेकर भाजपा से हुई बातचीत की जानकारी दी। पार्टी ने तय किया है कि लोजपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ेगी। पार्टी 'बिहार फस्र्ट-बिहारी फस्र्टÓ के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी।
पीएम मोदी के साथ रहेंगे
लोजपा का कहना है कि चुनाव के बाद पार्टी के तमाम नवनिवार्चित विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मार्ग के साथ रहकर भाजपा-लोजपा सरकार बनाएंगे। पार्टी ने उम्मीद जताई है कि केंद्र की तर्ज पर बिहार में भी भाजपा-लोजपा सरकार बनेगी। ताकि, 'बिहार फस्र्ट-बिहारी फस्र्ट' को लागू किया जा सके। लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने कहा कि एक-दो दिनों में पार्टी पहले चरण के प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी।
नीतिश ने किया था लोकसभा में प्रचार
उधर चिराग पासवान के नीतिश कुमार से वैचारिक मतभेद पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए प्रदेश जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव जदयू के साथ लड़ते हुए चिराग पासवान बार-बार आग्रह कर नीतिश कुमार को अपने क्षेत्र में ले जाकर प्रचार कराते हैं और जीत जाते हैं। विधानसभा में कार्यकर्ताओं की बारी आई तो जदयू से आपका वैचारिक मतभेद हो गया?
वैचारिक मतभेदों का खुलासा करें
डॉ. चौधरी ने कहा कि लोजपा बताए कि उसका जदयू से क्या वैचारिक मतभेद है। नीतीश कुमार ने दलितों को नौकरी दी, 15 साल में दलितों के कल्याण के लिए बजट को 40 गुना बढ़ाया, क्या इससे वैचारिक मतभेद है। दलितों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए परिवहन योजना आरंभ की, क्या इसे लागू करने को लेकर मतभेद है।
राजनीतिक महत्वाकांक्षा
अशोक चौधरी ने कहा कि लोजपा को शुभकामना है। लेकिन नीतीश कुमार से वैचारिक मतभेद की बात कहना समझ के परे है। आप हमारे साथ चुनाव नहीं लडऩा चाहते हैं, आपकी राजनीतिक महत्वकांक्षा बड़ी है तो यह अलग बात है। हर किसी को अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने का अधिकार है।
Published on:
04 Oct 2020 10:40 pm
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