फोटो: पत्रिका
सिरोही जिले के आबूरोड ब्लॉक की ग्राम पंचायत मूंगथला के झामर गांव निवासी भैराराम गरासिया ने आरएएस में चयनित होकर परिवार व समाज का नाम रोशन किया है। भैराराम जिले में गरासिया समाज में पहला युवक है जिसका राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ है।
बिना कोचिंग के उन्हें दूसरे प्रयास में यह सफलता मिली है। उनकी टीएसपी वर्ग में 26वीं रैंक व टीएसपी एसटी वर्ग में फर्स्ट रैंक है। प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर उन्होंने साबित कर दिया कि आदिवासियों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस उन्हें प्रोत्साहन व मदद की जरूरत है, जिससे उन्हें उच्च स्तर की नौकरियों में भर्ती का अवसर मिल सके।
भैराराम ने पहली से पांचवीं की पढ़ाई अपने गांव झामर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, छठी से दसवीं तक की पढ़ाई मूंगथला के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय व आबूरोड के मानपुर स्थित बनवासी कल्याण परिषद के छात्रावास में रहकर 11वीं व 12वीं की शिक्षा शहर में 1862 में खुले रेलवे उच्च माध्यमिक विद्यालय में ग्रहण की। कॉलेज की पढ़ाई आबूरोड के सेठ मंगलचंद चौधरी राजकीय महाविद्यालय से की। यहां से उन्होंने बीएससी पीसीएम की डिग्री प्राप्त की। उनकी दोनों बहनों ने बीएसटीसी शिक्षा प्राप्त की है।
एक छोटा भाई पारस आबूरोड तहसील कार्यालय में जूनियर अकाउंटेंट है। दूसरा छोटा भाई संजय पढ़ाई कर रहा है।
किसान पिता शांतिलाल गरासिया व माता बदी देवी ने सब्जी की खेती से हुई सारी कमाई बच्चों की पढ़ाई पर खर्च कर दी। पक्का मकान बनाने को भी प्राथमिकता नहीं दी। बच्चों ने भी उन्हें शानदार परिणाम दिए। आज भी झामर में भैराराम का केलुपोश का ही मकान है।
भैराराम ने बताया कि उसने आरएएस की तैयारी अपने स्तर पर की। किसी तरह की कोचिंग नहीं ली। पूरा ध्यान मेहनत और लक्ष्य पर दिया। उन्होंने कहा कि समाज के अन्य बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करें। इससे उन्हें भी उच्च सेवाओं में भर्ती का अवसर मिलेगा। वह वर्तमान में उदयपुर जिले के गोगुंदा के पीएमश्री महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक के पद पर कार्यरत है। इसमें उनका चयन वर्ष 2018 में हुआ था।
भैराराम का आरएएस में चयन से गरासिया समाज में जबरदस्त खुशी है। समाज के लोग व सहपाठी उन्हें बधाई संदेश भेज रहे हैं। गरासिया समाज सेवा समिति अध्यक्ष नरसाराम ने बताया कि सिरोही जिले में भैराराम आरएएस में चयनित गरासिया समाज के पहले व्यक्ति है।
अधिवक्ता भावाराम गरासिया ने कहा कि भैराराम के माता-पिता अशिक्षित है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दिया। समाज उनके स्वागत की तैयारी कर रहा है। वनवासी कल्याण परिषद के नवलराम गरासिया ने कहा कि भैराराम ने तीन साल परिषद के छात्रावास में रहकर पढ़ाई की।
Updated on:
18 Oct 2025 03:31 pm
Published on:
18 Oct 2025 03:11 pm
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