सीकर. नौनिहालों को असाध्य बीमारी से बचाने के लिए कल्याण अस्पताल में जल्द ही अर्ली डिटेक्शन सेंटर बनाया जाएगा। सेंटर के लिए प्रदेश स्तर से 20 लाख रुपए का बजट स्वीकृति मिल चुकी है। इसके बाद इसके निर्माण कीि तैयारियां शुरू कर दी गई है। अस्पताल प्रबंधन ने सेंटर बनाने के लिए जगह का चयन शुरू कर दिया है। अच्छी बात है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों की समय रहते आंख, नाक, कान और अस्थि रोगों से संबंधित गंभीर बीमारियों की समय रहते पहचान हो जाएगी। सबकुछ ठीक रहा तो सेंटर को कल्याण अस्पताल के नए भवन के हैंडओवर होते ही शुरू कर दिया जाएगा। इसके जरिए बच्चों को सभी रोगों के विशेषज्ञों की सेवाएं व जांच सुविधाएं मिल सकेगी। इससे मरीज के परिजनों को भटकना नहीं पड़ेगा।
अर्ली डिटेक्शन सेंटर के शुरू होने से कई गंभीर रोगों का इलाज हो पाएगा। बच्चों में होने वाले कैंसर, थैलेसीमिया, एनीमिया, जन्मजात रोग की समय रहते पहचान होने से इन बीमारियों के उपचार के लिए सटीक प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
अर्ली डिटेक्शन सेंटर में खून की कमी, थैलेसीमिया और ब्लड डिजीज की पहचान के लिए हीमेटोलॉजी एनालाइजर लगाया जाएगा। हार्मोन और लीवर-किडनी की जांच के लिए बायोकेमिकल एनालाइजर, फिजियोथैरेपी और स्क्रीनिंग किट्स की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। माइक्रोस्कोप व स्कैनिंग उपकरण के जरिए कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की जांच हो सकेगी। चिकित्सकों के अनुसार प्रसव की संख्या के लिहाज से हर माह करीब 15 बच्चे एनीमिया से प्रभावित होते हैं। वहीं कई बच्चों में जन्मजात विकृति होती है। समय पर विशेषज्ञों की सेवाएं नहीं मिलने के कारण बच्चों में देरी से कैंसर जैसे रोग की पुष्टि हो पाती है।
अर्ली डिटेक्शन सेंटर शुरू होने से बच्चों में गंभीर बीमारियों का समय रहते पता चलेगा। इससे सीकर सहित आसपास के जिलों के बच्चों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके लिए सरकार ने 20 लाख का बजट स्वीकृत कर दिया है। जल्दी ही इसका कार्य शुरू हो जाएगा।
डॉ. विवेक अठवानी, शिशु रोग विशेषज्ञ
Updated on:
29 Aug 2025 11:39 am
Published on:
29 Aug 2025 11:38 am
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