सीकर. सरकार और निजी अस्पतालों के बीच आरजीएचएस योजना में भुगतान विवाद को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन भी सीकर सहित प्रदेश में कैशलेस इलाज सेवाएं बाधित रही। आरजीएचएस कार्ड धारक को नगद राशि देकर ही उपचार करवाना पड़ा है। सीकर जिले में सभी अस्पतालों में आरजीएचएस के तहत काम काज पूरी तरह ठप्प रहा। जिले में करीब 2000 से ज्यादा मरीजों को योजना के तहत आईपीडी और 5000 से ज्यादा मरीजों को ओपीडी सुविधाएं नहीं मिल सकी। निजी अस्पताल संचालकों ने चेतावनी दी कि सरकार की ओर से आश्वासन की बजाए बकाया भुगतान करने के बाद ही योजना शुरू की जाएगी। योजना के बहिष्कार के कारण प्रदेश सरकार ने निजी अस्पतालों या एलायन्स के पदाधिकारियों से बात करने के बजाए उन पर और हड़तालरत अस्पतालों पर अलग अलग तरीकों से दबाव बनाना शुरू कर दिया। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पतालों के प्रतिनिधियों को डराया धमकाया जा रहा था तो कहीं पर निजी अस्पतालों को नोटिस भी दिए गए। गौरतलब है कि आरजीएचएस योजना में लगातार भुगतान में देरी, सीमित बजट और बार-बार अस्पष्ट कटौतियों ने निजी स्वास्थ्य क्षेत्र को संकट में डाल दिया है। अप्रेल 2025 से लगातार सरकारी अधिकारियों से संवाद और आश्वासन के बावजूद कोई भी ठोस समाधान नहीं निकाला जा सका है।
सीकर. प्रदेश के निजी अस्पतालों की ओर से आरजीएचएस योजना को लेकर सरकार और चिकित्सक समुदाय आर-पार की लडाई के मूड में है। सरकार ने योजना को लेकर भ्रम फैलाने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ सत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं सरकार के स्तर पर इस योजना में जरूरी बदलाव किए जाएंगे। योजना में सेवाएं देने से मना करने वाले अस्पतालों के खिलाफ एमओयू के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों की आरजीएचएस योजना से संबद्धता निरस्त की जाएगी। इधर राजस्थान अलायंस ऑफ हॉस्पिटल एसोसिएशन्स के पदाधिकारियों ने योजना के तहत किए गए बहिष्कार के दौरान कोई भी कार्रवाई करने पर विरोध जताया और बताया कि सरकार इस तरह से निजी अस्पताल संचालकों पर दबाव बना रही है। इसे देखते हुए अब सरकार के साथ तभी वार्ता की जाएगी जब इस दौरान की गई कार्रवाई वापस लेगी।
आरजीएचएस योजना में निजी अस्पताल और दवा विक्रेताओं को भुगतान नहीं करने के कारण कर्मचारियों व पेंशनर्स को कैशलेस उपचार सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। इसके विरोध में बुधवार को राजस्थान पेंशनर्स मंच के बैनर तले धरना प्रदर्शन और ज्ञापन दिया जाएगा। आंदोलन की रणनीति बुधवार को कोर्ट रोड़ पर स्थित जांगिड़ छात्रावास में दोपहर दो बजे से होने वाली बैठक में तय की जाएगी। जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पंवार ने बताया कि आंदोलन की रणनीति से प्रदेशाध्यक्ष को अवगत करवाया जाएगा।
इधर योजना में अनियमितताओं में संलिप्त मामलों में अब तक 11 प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है तथा 23 कार्मिकों को निलंबित किया जा चुका है। 58 मेडिकल स्टोर्स को योजना से असंबद्व किया गया है। इस सप्ताह अनियमितताओं व गड़बड़ियों में संलिप्त पांच निजी अस्पतालों को योजना से निलंबित कर दिया गया है। इनमें सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे भी एक अस्पताल शामिल है।
Updated on:
27 Aug 2025 11:40 am
Published on:
27 Aug 2025 11:39 am
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