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सीकर. निजी अस्पतालों का आरजीएचएस योजना का बहिष्कार तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा। निजी अस्पतालों में बहिष्कार का सीधा असर सरकारी अस्पतालों में नजर आया। सरकारी अस्पतालों में आरजीएचएस योजना में मेडिसिन और सर्जरी यूनिट की करीब 20 प्रतिशत ओपीडी बढ़ गई। कल्याण अस्पताल की ओपीडी में तीन दिन के दौरान एक हजार से ज्यादा मरीज आए। कई मरीजों ने बाहर के मेडिकल स्टोर से दवाएं ली। निजी अस्पतालों में एमआरआई व आईपीडी की सुविधा कैशलेस नहीं होने के कारण इंडोर में करीब सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जहां संसाधन कम होने के कारण कार्डधारक मरीजों को खासा परेशान होना पड़ेगा। निजी अस्पतालों में मरीजों ने शुल्क देकर परामर्श लिया। गौरतलब है कि योजना से जुड़े निजी दवा विक्रेताओं के भी छह माह से पैसे बकाया है।
शेखावाटी प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन के बैनर तले बुधवार को जिला क्लब में निजी अस्पताल संचालकों की बैठक हुई। बैठक में सर्वसम्मति से आरजीएचएस योजना के नए कलेवर में लाने पर ही निजी अस्पतालों में लागू करने का निर्णय किया गया। चिकित्सकों ने कहा कि सरकार लाभार्थियों को इस योजना का लाभ दिलाना चाहे तो इसे नए सिरे से लागू करे। इसमें समय पर भुगतान को शर्तों के साथ व्यावहारिक और वर्तमान बाज़ारों के हिसाब से पैकेज दरों तय हो तभी हम इस योजना के हिस्सेदार बनेंगे। सरकार सभी अस्पतालों का पूरा बकाया चुकाए। योजना को स्थगित कर नए सिरे से नियम बनाकर दोबारा शुरू करने पर निजी अस्पताल जुडेंगे।ो इसके बाद इस तरह के आंदोलन नहीं होंगे।
बकाया भुगतान के कारण निजी अस्पताल और दवा विक्रेताओं के आरजीएचएस योजना के बहिष्कार का राजस्थान पेंशनर मंच की ओर से प्रदेश स्तर पर विरोध किया जाएगा। जिले के पेंशनर्स जयपुर में धरना देंगे। यह निर्णय बुधवार को जांगिड़ छात्रावास में हुई पेंशनर्स मंच की बैठक में किया। जिलाध्यक्ष सत्य नारायण पंवार की अध्यक्षता और प्रदेशाध्यक्ष गोपी राम जांगिड़ के सानिध्य में बैठक में सभी ने प्रदेश के निर्देश पर धरना प्रदर्शन में शामिल होने का फैसला किया। बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूलाल शर्मा व संरक्षक रामसिंह सहित कई पेंशनर्स शामिल हुए।
Published on:
28 Aug 2025 11:21 am
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