सीकर. यात्रियों की सुविधा को सर्वेापरी मानने वाले रोडवेज केे स्लोगन का यात्रियों का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
प्रबंधन निजी ऑपरेटरों से प्रतिस्पर्धा और घाटे के गर्त में डूब रही रोडवेज को बचाने के दावे तो कर रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश में दूसरे पायदान पर माने जाने वाले सीकर डिपो में पास शाखा के कम्प्यूटर की सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) खराब है। जिसका नतीजा है कि डिपो में दस दिन डिपो में न तो नए मासिक यात्रा पास बन रहे है और न ही यात्रा पास का नवीनीकरण हो रहा है। यात्रियों के अनुसार ऑनलाइन सिस्टम लागू करने के कारण आए दिन तकनीकी गड़बड़ी आम बात हो गई है। इससे यात्रियों का समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है। अधिकारियों को इसको गंभीरता से लेना चाहिए। तकनीकी खराबी को समय पर ठीक नहीं करने से हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं। वहीं जिम्मेदार इसको लेकर कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे रहे हैं।
रोडवेज में रियायती, निशुल्क और मासिक पास यात्रा सुविधा के लिए स्मार्ट कार्ड बनाए जाते हैं। स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए प्रबंधन की ओर से एक फर्म को ठेका दिया गया है। जिसके सॉफ्टवेयर पर ही स्मार्ट कार्ड की एंट्री और दस्तावेज अपलोड होते हैं। महज पास शाखा के एक कम्प्यूटर के खराब होने के कारण दस दिन में करीब साढ़े छह सौ से ज्यादा यात्री पास के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। इस वजह से रोजाना औसतन एक दर्जन से ज्यादा यात्री पास रिन्यूअल करवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। जिससे नियमित पासधारी यात्रियों को अतिरिक्त टिकट खरीदकर सफर करना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
450 से ज्यादा बस डिपो से रोजाना गुजरती है
15,000 के करीब सफर करने वाले यात्री
650 से ज्यादा स्मार्ट कार्ड धारक
12 से 13 स्मार्ट कार्ड का नवीनीकरण
यह बात सही है कि पास शाखा का कम्प्यूटर खराब हो गया है। जिसे ठीक करवाने के लिए जयपुर भेजा गया है। जहां से एक-दो दिन में कम्प्यूटर ठीक होकर आ जाएगा। इसके बाद से पास शाखा में काम शुरू हो जाएगा।
दीपक कुमावत, मुख्य प्रबंधक सीकर डिपो
Published on:
26 Sept 2025 11:59 am
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