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मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद के खोखले दावे

सीकर. किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने खरीफ सीजन की फसल मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद करने की घोषणा की है लेकिन हकीकत यह है कि किसानों को इस बार मूंग की सरकारी खरीद का फायदा मिल पाना बेहद मुश्किल है।

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सीकर. किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने खरीफ सीजन की फसल मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद करने की घोषणा की है लेकिन हकीकत यह है कि किसानों को इस बार मूंग की सरकारी खरीद का फायदा मिल पाना बेहद मुश्किल है। वजह इस बार प्रदेश में बारिश के कारण मूंग के दानों की गुणवत्ता खराब हो गई है। त्योहारी सीजन और साहूकारों से लिए रुपयों को चुकाने के लिए किसानों को प्रतिकूल मौसम में तैयार की गई मूंग की उपज को औने-पौने दामों में बेचनी पड़ेगी। बड़ी विडंबना यह है कि सरकार की ओर से मूंग की फसल के उत्पादन की जानकारी मांग रहे हैं लेकिन मूंग की खरीद की प्रक्त्रिस्या तो दूर किसानों का पंजीयन तक शुरू नहीं किया है। सरकार ने इस वर्ष मूंग का समर्थन मूल्य (एमएसपी) 8,768 रुपए प्रति क्विंटल घोषित कर रखा है, लेकिन मंडियों में काले पड़े दाने व्यापारी सात हजार रुपए प्रति क्विंटल तक खरीद रहे हैं।

33 करोड़ का नुकसान

खरीफ सीजन में सीकर जिले में मूंग 36 हजार हेक्टैयर, झुंझुनूं जिले में करीब 50 हजार हेक्टैयर, नागौर जिले में सवा चार लाख हेक्टैयर, डीडवाना-कुचामन जिले में एक लाख 90 हजार हेक्टैयर क्षेत्र में बोया गया है। जिसका अनुमानित उत्पादन करीब सवा दो करोड क्विंटल आंका जा रहा है। इस बार अच्छे मौसम के कारण किसानों को मूंग का बेहतर उत्पादन मिलने के आसार थे लेकिन पकाव के समय अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें नष्ट हो गई। किसानों के अनुसार मूंग के फिलहाल चल रहे बाजार भाव और समर्थन मूल्य के बीच अंतर को देखते हुए इन क्षेत्र के किसानों को करीब 33 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना होगा।

यह है जमीनी हकीकत

व्यापारियों के अनुसार इस समय प्रदेश की मंडियों में अगेते मूंग की फसल बाजार में आने लगी है। मूंग उत्पादक क्षेत्रों की मंडियों में काले दाने वाले मूंग को इस समय करीब साढ़े पांच हजार रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जा रहा है। गुणवत्ता (दाने टूटे, दागदार या नमी युक्त) के नाम पर कटौती अलग से की जा रही है। ऐसे में किसानों को अगेते मूंग को बेचने पर 1,500 से 2,000 रुपए और अच्छी गुणवत्ता वाले मूंग को बेचने पर एक हजार रुपए प्रति क्विंटल तक का सीधा नुकसान झेलना पड़ रहा है। हालांकि किसानों के लिए कुछ राहत की बात है कि बारिश का दौर थमने के बाद कई जगह मूंग की फसल की गुणवत्ता में कुछ सुधार आया है।

15 केंद्रों पर होगी खरीद

किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए खरीद केन्द्रों पर ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की जाएगी। किसान जनआधार कार्ड में अंकित नाम में से जिसके नाम गिरदावरी हो, उसके नाम से पंजीयन करवा सकेगा। पंजीयन के लिए किसान को आधार कार्ड, जनआधार कार्ड व बैंक की पासबुक लाना जरूरी है। फिलहाल जिले में खरीद के लिए सीकर, नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर, पलसाना, दांतारामगढ, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़ सहित 15 केंद्र बनाए जाएंगे।

नई फसल आने लगी है

मूंग उत्पादक क्षेत्रों की मंडियों में मूंग की नई फसल आने लगी है। बारिश से गुणवत्ता खराब होने के कारण मंडियों में कम गुणवत्ता वाला मूंग आ रहा है लेकिन बारिश के बाद तैयार होने वाले मूंग की गुणवत्ता में सुधार आ रहा है।

सुभाष बूबना, थोक कारोबारी, सीकर मंडी