पत्रिका फाइल फोटो
चिकित्सक बोले: तय मानक से ज्यादा दवा घातक
सीकर. प्रदेश में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत मिलने वाले कफ सिरप बांटने जाने में लापरवाही बरती जा रही है। एक ओर मेडिसिन के चिकित्सक दवा की ओवरडोज के कारण बीमार बच्चों की तबीयत बिगड़ने की बात कह रहे हैं वहीं चिकित्सा विभाग और औषधि नियंत्रण विभाग दवा के महज सैम्पल की जांच रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा है जबकि सीकर सहित कई जिलों में परिजन डेक्सट्रोमेथॉरफैन हाइड्रोब्रोमाइड साल्ट वाले कफ सीरप के कारण बच्चों की जान जाने और आईसीयू में भर्ती करवाने की नौबत जैसे कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। आश्चर्य की बात है कि सरकार की निशुल्क दवा योजना और सरकार की जांच लैब होने के बावजूद अब तक सैम्पल की जांच तक पूरी नहीं हो सकी है। जिसका नतीजा है कि सरकारी चिकित्सा संस्थानों में निशुल्क उपचार के लिए आने वाले लोगों को दवा केन्द्रों पर खांसी को रोकने वाले कफ सीरप तक नहीं मिल रहे हैं। वहीं सरकारी अस्पतालों में भी रोग विशेषज्ञ भी पर्ची पर कफ सीरप लिखने से बच रहे हैं। गौरतलब है कि आरएमएससीएल (राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने प्रदेश स्तर पर इस कफ सीरप की उपलब्धता पर रोक लगा दी है।
कम आयु के बच्चों के लिए घातक
फिजिशियन डॉ. महेश कुमार के अनुसार डेक्सट्रोमेथॉरफैन हाइड्रोब्रोमाइड साल्ट वाले इस सीरप को वायरल के दौरान खांसी दबाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह दवा शिशुओं और पांच साल से कम आयु के बच्चों को नहीं देने की सिफारिश की जाती है। पूर्व में इस साल्ट वाली दवा पर रोक लगाई गई थी। यह दवा ज्यादा देने पर छोटे बच्चों में सीधे सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। जिससे बच्चे में नींद आना, चक्कर, घबराहट, मतली और सांस लेने में परेशानी हो सकती है। कई बच्चों में इसका अत्यधिक सेवन दौरे और सांस रुकने जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। हालांकि कई बार कफ सीरप की बोतल की पैकिंग खोलने के कई दिन बाद उस दवा की गुणवत्ता प्रभावित हो जाती है।
यहां आ चुकी शिकायतें
सीकर जिले में खोरी ब्राहमणान के पांच साल के एक बच्चे के परिजनों ने चिराना सीएचसी से लिए गए कफ सीरप को पीने के बाद मौत होने का आरोप लगाया है।
श्रीमाधोपुर क्षेत्र के परिजनों का आरोप है कि निशुल्क योजना का कफ सीरप पीने के बाद उनके दो बच्चों की हालत बिगड़ गई। जिन्हें जयपुर में निजी अस्पताल में आईसीयू तक में भर्ती करवाना पड़ा। भरतपुर एक बच्चे की कफ सीरप से तबीयत बिगड़ने और वहां सीएचसी के एक चिकित्सक और दो अन्य कर्मचारियों ने भी कफ सीरप पीने के बाद सेहत के लिए घातक बताया। हाल में जयपुर में एक दो साल की बालिका को अचेतावस्था में अस्पताल में भर्ती कराया। बच्ची के परिजनों ने बताया कि कफ सीरप पीने के बाद हालात बिगड़ी।
इनका कहना है
डेक्सट्रोमेथॉरफैन हाइड्रोब्रोमाइड साल्ट खांसी की दवा है। चार साल से कम आयु बच्चों में इस दवा का देने से बचना चाहिए। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रीक के अनुसार बच्चों में इस दवा की मात्रा एक से दो एमजी सही मानी गई लेकिन कई बार परिजन बच्चे को तय मानकों के ज्यादा दवा दे देते हैं जिससे दवा की ओवर डोज होने के कारण घातक दुष्परिणाम हो जाते हैं। परिजनों को दवा की चिकित्सक की बताई गई तय मात्रा के अनुसार ही दवाएं देनी चाहिए।
डॉ. विवेक अठवानी, शिशु रोग विशेषज्ञ
चिकित्सक के परामर्श के बिना खांसी की दवा का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश जारी किए गए हैं। खोरी ब्राह्मणान गांव के बच्चे को जिले के चिकित्सक ने डेक्सोट्रोमेथार्फ़न सिरप नही लिखी थी। संभवत किसी बीमार परिजन को यह दवा दी गई थी।
डाॅ. अशोक महरिया, सीएमएचओ सीकर
Published on:
03 Oct 2025 11:12 am
बड़ी खबरें
View Allसीकर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग