सीकर. जिले के युवाओं के लिए राहत की खबर है। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सीकर आयुर्वेद कॉलेज को बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस (बीएनवाइएस ) कोर्स शुरू करने की अनुमति मिल गई है। राजस्थान पत्रिका में खबर के प्रकाशन के बाद जिम्मेदार हरकत में आए और समस्या का समाधान करवाया। इसके बाद विभाग ने सीकर सहित प्रदेश के छह अन्य आयुर्वेद कॉलेज में बीएनवाइएस के बैच शुरू करने का फरमान जारी किया। सीकर कॉलेज में इस बैच के लिए काउंसलिंग के बाद स्टेट कोटे में 30 सीटें स्वीकृत की गई हैं। अच्छी बात है कि आयुर्वेद कॉलेज में बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमसी) कोर्स में प्रवेश लेने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है। दोनो कोर्स शुरू होने से उन छात्रों को सीधा फायदा मिलेगा, जो अब तक बैच की परमिशन नहीं मिलने के कारण बेरोजगारी और अनिश्चित भविष्य से परेशान थे। गौरतलब है कि नेशनल काउंसिल ऑफ इंडियन सिस्टम (एनसीआईएसएम) ने सीकर सहित अन्य आयुर्वेद कॉलेज की मान्यता का इस साल नवीनीकरण नहीं किया था। जिससे कॉलेज में नया बैच आने पर संशय की िस्थति बन गई थी।
आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार बीएनवाइएस साढ़े चार साल की डिग्री कोर्स है। इसमें प्राकृतिक चिकित्सा और योग की पढ़ाई करवाई जाती है। साथ ही एक साल की जिला अस्पताल में इंटर्नशिप करवाई जाती है। स्नातक के बाद छात्र न केवल सरकारी व निजी अस्पतालों में चिकित्सक के रूप में सेवाएं दे सकेंगे। वहीं खुद का वेलनेस सेंटर, योग संस्थान खोलकर कमाई कर सकेंगे।स्नातक के बाद छात्र सरकारी व निजी क्षेत्र में चिकित्सक व हेल्थ एक्सपर्ट के रूप में काम कर सकते हैं। सरकारी कॉलेज में यह कोर्स शुरू होने से पात्रों को निजी कॉलेजों में लाखों रुपए खर्च नहीं करने होंगे।
सीकर आयुर्वेद कॉलेज में बीएनवाइएस कोर्स के लिए प्रवेश शुरू कर दिए हैं। कोर्स के लिए अधिकांश सीटे भर चुकी है। जल्द ही बीएएमएस कोर्स शुरू करने की कवायद चल रही है। दोनो कोर्स शुरू होने से पात्र युवाओं को फायदा होगा।
डॉ. महेन्द्र सोरठा, प्राचार्य सीकर आयुर्वेद कॉलेज
Published on:
23 Sept 2025 08:31 pm
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