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एनडीईआरएफ और एसडीईआरएफ टीम की तलाश जारी, मैग्नेट ऑपरेशन से तीसरे दिन डोजर की लोकेशन हुई ट्रेस

अमलाई ओपन कास्ट माइंस हादसा, आज फिर चलेगा रेस्क्यू ऑपरेशन

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शहडोल. एसइसीएल सोहागपुर एरिया के अमलाई ओपनकास्ट माइंस हादसे में 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी लापता टीपर ऑपरेटर का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है। घटना स्थल पर राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है। सोमवार को एनडीइआरएफ और एसडीइआरएफ की संयुक्त टीमों को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने जमीन में धंसे डोजर का लोकेशन लगभग ट्रेस कर लिया है। जानकारी के अनुसार, अमलाई ओसीएम में रविवार को मिट्टी खिसकने से हादसा हो गया था। यह हादसा धनपुरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत उस वक्त हुआ जब छत्तीसगढ़ की आरकेटीसी कंपनी द्वारा ओवरबर्डन शिफ्टिंग का कार्य किया जा रहा था। अचानक ढलान से मिट्टी खिसकने लगी और कुछ ही पलों में पूरा इलाका मलबे में तब्दील हो गया था। हादसे के दौरान चार कर्मचारी इस घटना की चपेट में आ गए दो ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई थी, शिफ्ट इंचार्ज मुनीम यादव को कई घंटों बाद निकाला गया। वहीं टीपर ऑपरेटर अनिल कुशवाहा, जो हादसे के वक्त मशीन चला रहे थे अब तक लापता हैं।

50 फीट में वाटर स्कैनिंग तकनीक से देखा डोजर

रेस्क्यू टीम ने सोमवार को मैग्नेट ऑपरेशन और वाटर स्कैनिंग तकनीक की मदद से जलमग्न वाहनों की लोकेशन को ट्रेस किया है। वाहन करीब 50 फीट गहराई में मिला है, लेकिन मिट्टी और पानी के मिश्रण के कारण वाहन घटना स्थल से लगभग 25 फीट आगे खिसक गया है। टीम के साथ 35वीं बटालियन मंडला और जबलपुर की आर्मी रेस्क्यू यूनिट भी लगातार सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई है।

कैमरे से टीपर के अंदर देखेंगे, मदद से निकालेंगे बाहर

रेस्क्यू टीम अब वॉटर कैमरे के जरिए टीपर के अंदर की स्थिति का निरीक्षण करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि कैमरे से वाहन की सटीक पोजीशन मिलने के बाद मशीनों की मदद से उसे बाहर निकाला जा सकेगा।

तीसरे दिन विधायक घटनास्थल पर पहुंचे

जैतपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक जयसिंह मरावी भी घटना स्थल पर पहुंचे और इस पूरी घटना के संबंध में अधिकारियों से एवं प्रबंधन से जानकारी ली। हिंद मजदूर सभा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं जेबीसीसीआई सदस्य नाथूलाल पांडे ने भी ओपन कास्ट खदान में 11 सितंबर को हुई घटना पर गहरा दुख जताया। परिवार को 5 करोड रुपए का मुआवजा देने की मांग की है।

इन अधिकारियों की रही मौजूदगी

ओपन कास्ट खदान में तीसरे दिन एनडीआरएफ के द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया तो वहीं दूसरी तरफ एसईसीएल सोहागपुर एरिया के महाप्रबंधक बी.के. जेना महाप्रबंधक संचालन मनीष श्रीवास्तव सहित एरिया के अधिकारी मौके पर और पल-पल की जानकारी लेते रहे।

न कोई सुरक्षा संसाधन न अलार्म सिस्टम

स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसा आरकेटीसी कंपनी की लापरवाही का नतीजा है। माइंस क्षेत्र में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। भारी मशीनों के संचालन के दौरान क्षेत्र में कोई सेफ्टी अलर्ट या अलार्म सिस्टम मौजूद नहीं था।