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मेडिकल कॉलेज पहुंची पीएचसीएल की टीम ने की जांच, दवाइयों के रखरखाव में भी मिली खामियां

शहडोल मेडिकल कॉलेज में पोविडोन आयोडीन रिएक्शन का मामला

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शहडोल. मेडिकल कॉलेज शहडोल में गर्भवती महिलाओं और सर्जरी के मरीजों के शरीर पर पोविडोन आयोडीन सॉल्यूशन लगाने के बाद हो रहे रिएक्शन के मामले में शासन स्तर पर जांच कराई जा रही है। लगातार एक वर्ष से मरीजों में स्किन बर्न और फफोले जैसी शिकायतें आने के बाद आखिरकार एमपीपीएचसीएल भोपाल की टीम शहडोल पहुंची। दो दिन तक चली इस जांच में कई जानकारी जुटाई है। भोपाल से पहुंची एमपीपीएचसीएल की टीम ने मेडिकल कॉलेज परिसर में दवा सप्लाई, स्टॉक और रखरखाव की व्यवस्था का निरीक्षण किया। टीम ने डॉक्टरों, स्टोर इंचार्ज और फार्मेसी प्रभारी से चर्चा की। इस दौरान शासन से सप्लाई की जाने वाली दवाओं की क्वालिटी और वितरण प्रणाली की भी बारीकी से जांच की गई।

कॉलेज की फार्मेसी में भी मिलीं खामियां


निरीक्षण के दौरान फार्मेसी में अनियमितताएं सामने आईं। बताया जा रहा है कि दवाइयों के स्टोरेज व रखरखाव के मानक सही तरीके से नहीं अपनाए जा रहे थे। हालांकि टीम ने मौके पर ही इन्हें रिकॉर्ड किया और रिपोर्ट बनाई। टीम ने पोविडोन आयोडीन सॉल्यूशन सहित कई दवाइयों के सैंपल लिए हैं। इनकी जांच चल रही है। प्राथमिक स्तर पर जिन बैचों का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं और सर्जरी के मरीजों पर हुआ था, उन्हीं की जांच पर विशेष फोकस है।

1 साल से ज्यादा समय से हो रहा रिएक्शन

टीम को बताया कि पिछले एक साल से ऐसे केस लगातार सामने आ रहे हैं। गर्भवती महिलाओं के शरीर पर सॉल्यूशन लगाने के बाद जलन, फफोले और स्किन रिएक्शन के मामले बढ़ रहे थे। हर दिन औसतन एक-दो मरीज प्रभावित हो रहे थे। कई बार रिपोर्ट करने के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ। जांच टीम ने मेडिकल कॉलेज अधीक्षक, फार्मेसी प्रभारी और संबंधित स्टाफ से विस्तृत जानकारी मांगी है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि दवाइयों का रिकॉर्ड पारदर्शी रूप से मेंटेन किया जाए। जल्द ही टीम अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।