Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व : 3200 स्क्वायर मीटर में करेंगे बाघों की तलाश, हाथी व बायसन की संख्या भी होगी दर्ज

15 नवंबर से जनवरी के बीच चार चरणों में 1600 प्वाइंटों पर लगाए जाएंगे ट्रैप कैमरे

2 min read

शहडोल. 2022 के बाद अब 2026 में होने वाली बाघ की गणना की तैयारी शुरु हो गई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के 1300 स्क्वायर मीटर के साथ ही उमरिया, शहडोल व कटनी के लगभग 1900 स्क्वायर मीटर सामान्य वन क्षेत्र में बाघों की गणना होगी। पार्क प्रबंधन इस बार बाघ व तेंदुआ के साथ ही जंगली हाथी व बायसनों की संख्या भी दर्ज करने की तैयारी में है, जिससे कि उनकी भी संख्या का आंकलन हो सके। क्षेत्र संचालकों का प्रशिक्षण 15,16 व 17 सितम्बर को हो चुका है। आगामी 15 व 16 अक्टूबर को मुख्य वन संरक्षक, क्षेत्रीय परियोजना मण्डल, संरक्षित क्षेत्र के क्षेत्र संचालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में होगा। प्रशिक्षण के दौरान बाघ गणना को लेकर पूरी रूपरेखा तय होगी।

32 एसडीओ व डीएफओ को करेंगे प्रशिक्षित

आगामी 15 व 16 अक्टूबर को मुख्य वनसरंक्षकों के प्रशिक्षण के बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एसडीओ व डीएफओ को बाघ गणना के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण 3, 4 व 5 नवंबर को बांधवगढ़ व सामान्य वनक्षेत्र के 32 एसडीओ व डीएफओ को दिया जाएगा। इसके बाद यह अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे।

पेपरलेस गणना, एप का नया वर्जन आया

पार्क प्रबंधन की माने तो बाघ गणना पूरी तरह से पेपरलेस होगी। एम स्ट्राइप एप के माध्यम से पूरी संख्या दर्ज होगी। पिछली गणना में जो समस्याएं आ रही थी उनमें सुधार कर एप का नया वर्जन आया है। इसे सभी कर्मचारियों को प्ले स्टोर के माध्यम से डाउनलोड कराया जाएगा। इसी एप के माध्यम से पूरी गणना का कार्य होगा।

ताला और खितौली रेंज में ज्यादा बाघ

बांधगवढ़ टाइगर रिजर्व में वर्ष 2022 की गणना के परिणाम आने के बाद 165 बाघों की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी। पार्क प्रबंधन का मानना है कि बाघों की यह संख्या बढकऱ 180 के आस पास हो गई है। वर्तमान में सबसे ज्यादा ताला रेंज में बाघों का मूवमेंट बना हुआ है। इसके अलावा खितौली और पतौर रेंज में भी इनकी साइटिंग ज्यादा होती है। इसके अलावा बफर व सामान्य वनक्षेत्रों में भी बाघों का मूवमेंट बना हुआ है।

इनका कहना है
बाघ गणना को लेकर तैयारियां शुरु हो गई हैं। प्रशिक्षण के साथ ही आवश्यक उपकरण व संसाधन जुटाए जा रहे हैं। नवंबर से जनवरी के बीच चार चरणों में ट्रैप कैमरा लगाए जाएंगे। इस बार बाघ व तेंदुआ के साथ जंगली हाथी व बायसनों की संख्या भी दर्ज करेंगे।
डॉ. अनुपम सहाय, क्षेत्र संचालक बांघवगढ़ टाइगर रिजर्व