
कोलाड़ा में स्थापित 1.83 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र। फोटो: पत्रिका
सवाईमाधोपुर। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सवाईमाधोपुर जिले में राज्य सरकार ने कोलाड़ा और रामसिंहपुरा में 2.94 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित किए हैं। इससे न केवल किसानों के खेतों तक सिंचाई के बिजली आसानी से मिल रही है, बल्कि ग्रामीण समृद्धि की दिशा में भी यह एक बेहतर प्रयास है।
बता दें कि इन संयंत्रों के शुरू होने से 250 से अधिक कृषक परिवारों को दिन के समय सिंचाई के लिए बिजली मिलने लगी है। इन संयंत्रों से प्रतिदिन 10 से 12 हजार यूनिट बिजली उत्पादन संभव हो रहा है। किसानों ने संयंत्र के प्रारंभ होने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि इससे खेती में नई जान आ गई है।
केंद्र सरकार ने राजस्थान को 5500 मेगावाट संयंत्र और 4 लाख सोलर पंपों का लक्ष्य आवंटित किया है। राज्य सरकार ने कृषि कनेक्शन नीति-2017 में संशोधन कर सौर संयंत्रों से जुड़े फीडरों पर प्राथमिकता से कृषि कनेक्शन जारी करने का प्रावधान किया है। जिले में 1590 लंबित कृषि कनेक्शन और 480 नए आवेदन शीघ्र स्वीकृत किए जाएंगे।
बौंली उपखण्ड के कोलाड़ा 33/11 केवी सब-स्टेशन क्षेत्र में 1.82 मेगावाट क्षमता का संयंत्र लगाया है, राज्य का 956वां सौर संयंत्र है। वहीं, रामसिंहपुरा सर्किल में 1.12 मेगावाट क्षमता का संयंत्र प्रारंभ हो चुका है। इनसे जिले की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अधिकारियों का कहना है कि कुसुम योजना से किसान अब डीजल और पारंपरिक बिजली निर्भरता से मुक्त होकर सौर ऊर्जा से सिंचाई कर रहे हैं। इससे उत्पादन लागत में कमी आई है और अतिरिक्त आय का मार्ग भी खुला है।
जिले में कुसुम योजना के कंपोनेंट-ए और सी दोनों में सराहनीय प्रगति हो रही है। वर्तमान में 3 मेगावाट क्षमता के संयंत्र चालू हैं, जबकि 3.67 मेगावाट क्षमता के संयंत्रों पर कार्य प्रगति पर है। सारसोप और कोलाड़ा में संयंत्र स्थापना कार्य अंतिम चरण में है। सभी संयंत्रों की स्थापना के बाद किसानों को दिन में सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध हो सकेगी एवं कृषि उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
-बीएल मीणा, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम
Published on:
30 Oct 2025 03:19 pm
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