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Shivling Puja: क्या महिलाओं को शिवलिंग छूने से पाप लगता है? संत प्रेमानंद जी ने बताया सच

Shivling Puja: सावन का पावन महीना है, जिसमें कोई अपनी पूरी श्रद्धा से शिव की पूजा करता है और पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान संपन्न करता है। लेकिन एक सवाल अक्सर सबके मन में उठता है की क्या महिलाएं शिवलिंग को स्पर्श कर सकती हैं? इस सवाल पर प्रेमानंद जी ने अद्भुत जवाब दिया।

2 min read

भारत

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MEGHA ROY

Jul 18, 2025

Truth about women touching Shivling

Truth about women touching Shivling

Shivling Puja: धर्म के मार्ग पर चलते हुए कई बार हमारे मन में ऐसे प्रश्न उत्पन्न होते हैं, जिनका उत्तर या तो समाज के भ्रम में खो जाता है या परंपराओं की आड़ में दबा दिया जाता है। विशेष रूप से स्त्रियों से जुड़े धार्मिक नियमों पर अक्सर विवाद और भ्रांतियां देखने को मिलती हैं। ऐसा ही एक प्रश्न है "क्या महिलाएं शिवलिंग को छू सकती हैं?"
इस सवाल का उत्तर हाल ही में प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज ने अपने सत्संग में दिया, जो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने न केवल इस प्रश्न का उत्तर दिया, बल्कि इसे आध्यात्मिक और शास्त्रीय दृष्टिकोण से भी समझाया। उनका जवाब न सिर्फ तार्किक था, बल्कि भक्तों के दिलों को छू गया।

महिलाओं को शिवलिंग स्पर्श करने पर प्रेमानंद जी ने क्या कहा?

एक वायरल वीडियो में एक महिला भक्त ने प्रेमानंद जी से पूछा, "क्या महिलाएं शिवलिंग को छू सकती हैं?" इस सवाल का शांतिपूर्वक उत्तर देते हुए प्रेमानंद जी ने कहा, "शिवलिंग शिव और शक्ति दोनों का प्रतीक है। यह निराकार ब्रह्म का स्वरूप है, जहां कोई भेद नहीं होता।" उन्होंने यह स्पष्ट किया कि शिवलिंग केवल पुरुष का प्रतीक नहीं है, बल्कि उसमें शक्ति का अंश भी समाहित है। शिव और शक्ति का यह संगम दर्शाता है कि शिवलिंग पूजन में किसी भी लिंग का भेद नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कि यह सोच कि महिलाएं शिवलिंग को नहीं छू सकतीं, सिर्फ एक सामाजिक भ्रम है, जिसका कोई शास्त्रीय आधार नहीं है।

क्या कहती है आध्यात्मिक दृष्टि?

प्रेमानंद जी का यह संदेश था कि "हर महिला शिवलिंग को पूर्ण श्रद्धा से छू सकती है और विधिपूर्वक पूजा कर सकती है।" उन्होंने यह भी कहा कि भक्ति में कोई भेद नहीं होता, केवल प्रेम और समर्पण की आवश्यकता होती है। इस तरह का दृष्टिकोण हमें यह समझाता है कि किसी भी स्त्री या पुरुष को किसी विशेष पूजा या आराधना से वंचित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, प्रेमानंद जी ने यह भी बताया कि अगर कोई व्यक्ति अपने मन में शिव की छवि को बैठाकर राम-नाम का जाप करता है, तो शिव स्वयं प्रकट होते हैं, और यह प्रकट होना एक विशेष प्रकार के प्रकाश के रूप में होता है, जो अंतर्मन को शांति और आनंद से भर देता है।

प्रेमानंद जी महाराज

संत प्रेमानंद जी महाराज, जिनका वास्तविक नाम अनिरुद्ध पांडेय है, एक प्रसिद्ध कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु हैं। वे मूलतः काशी के निवासी हैं, लेकिन वर्तमान में वृंदावन में अपने सत्संगों के माध्यम से लाखों लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उनकी वाणी में भक्ति, तर्क, और ज्ञान का अद्भुत समावेश होता है, जिससे लोग अपनी जीवन यात्रा में गहरी समझ और शांति पाते हैं। राधा रानी को अपनी आराध्य मानने वाले प्रेमानंद जी के सत्संगों में न केवल सामान्य भक्तों, बल्कि विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, और संघ प्रमुख मोहन भागवत जैसी चर्चित हस्तियां भी सम्मिलित हो चुकी हैं, जो उनके संदेश और शिक्षाओं से प्रेरित होते हैं।