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Guru Nanak Jayanti : कंफ्यूजन छोड़िए! इस दिन है गुरु नानक देव जी की जयंती, नोट कर लें सही तिथि और शुभ मुहूर्त

Guru Nanak Jayanti 2025 Date and Muhurat : गुरु नानक जयंती 2025 बुधवार, 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाएगी। जानें शुभ मुहूर्त, पूजा का समय और गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं।

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भारत

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Manoj Vashisth

Nov 03, 2025

Guru Nanak Jayanti 2025

Guru Nanak Jayanti 2025 : गुरु नानक जयंती 2025 (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Guru Nanak Jayanti 2025 Date and Muhurat : सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी का जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह दिन सिख समुदाय के लिए सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। गुरु नानक जयंती, जिसे गुरुपर्व या गुरु पर्व के नाम से भी जाना जाता है। करुणा, सद्भाव और सत्य पर उनकी शिक्षाएं दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करती रहती हैं। यह दिन गहन श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जिसमें जगमगाते गुरुद्वारे, भावपूर्ण कीर्तन, जुलूस और लंगर में मुफ्त का भोजन के माध्यम से सामुदायिक सेवा शामिल है।

सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी की जन्म जयंती कार्तिक पूर्णिमा तिथि को पड़ती है। यह दिन सिख समुदाय के लिए सबसे बड़ा पर्व माना जाता है।

गुरु नानक जयंती 2025 कब है?

  • पूर्णिमा तिथि की शुरुआत: 4 नवंबर रात 10:36 बजे
  • पूर्णिमा तिथि का समापन: 5 नवंबर शाम 6:48 बजे

गुरु नानक जयंती बुधवार, 5 नवंबर, 2025 को मनाई जाएगी। इस वर्ष गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती है। कार्तिक माह की पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व सिख और हिंदू दोनों परंपराओं में बहुत धार्मिक महत्व रखता है।

गुरु नानक जयंती 2025: कार्तिक पूर्णिमा के शुभ समय

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:46 से 5:37 तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 1:56 से 2:41 तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:40 से 6:05 तक

इन शुभ समयों में गुरु नानक देव जी का नाम लेना और उनका पाठ करना बहुत ही मंगलकारी माना जाता है।

गुरु नानक देव जी: जन्म, बचपन और प्रारंभिक शिक्षाएँ

गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 ई. में तलवंडी गांव में हुआ था, जिसे अब पाकिस्तान में ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। उनके माता-पिता मेहता कालू चंद और माता तृप्ता देवी थे। कम उम्र से ही, गुरु नानक देव जी में गहरी आध्यात्मिक प्रवृत्ति थी और उन्होंने जाति या धार्मिक रीति-रिवाजों पर आधारित सामाजिक विभाजन को अस्वीकार कर दिया था। अपनी शिक्षाओं के माध्यम से, गुरु नानक देव जी ने समानता, प्रेम, निस्वार्थ सेवा और एक ईश्वर की आराधना का उपदेश दिया। हालांकि, उनका संदेश धार्मिक नहीं था और आज भी अत्यंत प्रासंगिक है।

उनकी सबसे प्रसिद्ध शिक्षाओं में से एक: "एक ओंकार सतनाम, कर्ता पुरख, निरभौ, निरवैर" का अर्थ है:

"एक ईश्वर है। उसका नाम सत्य है। वह सृष्टिकर्ता, निर्भय और घृणा रहित है।"

दुनिया भर में गुरु नानक जयंती कैसे मनाई जाती है

गुरु नानक जयंती समारोह दो दिन पहले अखंड पाठ के साथ शुरू होता है, जो गुरु ग्रंथ साहिब का 48 घंटे का निरंतर पाठ है। त्योहार के दिन, श्रद्धालु प्रभात फेरी में शामिल होते हैं, जो भक्ति गीतों के साथ सुबह की शोभायात्रा होती है, जिसके बाद नगर कीर्तन होता है, जहां गुरु ग्रंथ साहिब को एक सुसज्जित पालकी में रखा जाता है, और साथ में गायन और गतका जैसी मार्शल आर्ट का प्रदर्शन होता है। गुरुद्वारों को फूलों और रोशनी से जगमगाया जाता है, जिससे उत्सव का माहौल बनता है। लंगर (सामुदायिक रसोई) में पूरे दिन मुफ्त भोजन परोसा जाता है, जो गुरु नानक की सेवा (निस्वार्थ सेवा) और समानता की शिक्षाओं को दर्शाता है। इस दिन कीर्तन, अरदास (प्रार्थना) और आध्यात्मिक प्रवचन होते हैं। उत्सव का समापन शाम की प्रार्थना और मोमबत्ती की रोशनी में भक्ति के साथ होता है, और वातावरण भजनों से भर जाता है।