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Dev Diwali 2025 : कब है देवताओं की दिवाली? नोट करें सही तारीख और पूजा विधि

Dev Diwali 2025 : देव दिवाली 2025 इस साल 5 नवंबर को मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा के दिन होने वाला यह पर्व भगवान शिव और विष्णु को समर्पित है। जानें वाराणसी में देव दीपावली की तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व।

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भारत

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Manoj Vashisth

Nov 02, 2025

Dev Diwali 2025

Dev Diwali 2025 : काशी का महाउत्सव! 5 नवंबर को देव दिवाली (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Dev Diwali 2025 : हमारे देश में सबसे पवित्र हिंदू त्योहारों में से एक देव दिवाली अपार उत्साह और खुशी के साथ मनाई जाती है। देव दिवाली को देव दीपावली भी कहा जाता है, जिसे दिवाली उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश का वाराणसी इस त्योहार को मनाने का प्रमुख स्थान है। कार्तिक माह में, देव दीपावली पूर्णिमा तिथि को पड़ती है। इस वर्ष देव दिवाली 5 नवंबर, 2025 को मनाई जाएगी।

वाराणसी में देव दिवाली | Dev Diwali 2025

देवताओं को समर्पित एक त्योहार है, जो कार्तिक पूर्णिमा, हिंदू माह कार्तिक की पूर्णिमा की रात को मनाया जाता है। परंपरा के अनुसार, यह वह दिन है जब देवता गंगा स्नान के लिए काशी के घाटों पर उतरते हैं, जो इसे वर्ष के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक बनाता है। दिवाली के 15 दिन बाद मनाया जाने वाला यह त्योहार नदी के तट को दीपों के सागर में बदल देता है, जहां 100 से अधिक घाटों, मंदिरों और नावों पर लाखों दीये जलाए जाते हैं, जिससे एक भव्य नजारा बनता है। शाम को गंगा आरती, जुलूस और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें भक्तों, कलाकारों और पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है।

देव दिवाली 2025:

तिथि और समय:

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 4 नवंबर, 2025 - रात्रि 10:36 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त - 5 नवंबर, 2025 - शाम 6:48 बजे

प्रदोष काल: देव दीपावली मुहूर्त - 5 नवंबर, 2025 - शाम 5:15 बजे से शाम 7:50 बजे तक

देव दिवाली 2025: महत्व

सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक देव दिवाली को विभिन्न स्थानों पर दिवाली के रूप में मनाया जाता है। पूरे देश में, यह त्यौहार बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भगवान शिव की राक्षस त्रिपुरासुर पर विजय का उत्सव देश भर के भक्त मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन, भगवान शिव की विजय के उपलक्ष्य में, भारत के वाराणसी में सभी देवी-देवता प्रकट हुए थे। इस शहर को हज़ारों दीयों से रोशन किया जाता है, और निवासी अपने घरों और गलियों को रोशन करने के लिए मिट्टी के दीयों और बत्तियों का उपयोग करते हैं।

इस प्रकाश पर्व को मनाने के लिए, विशेष रूप से वाराणसी में, भक्त गंगा घाटों की यात्रा करते हैं। इस दिन, लोग दीये जलाकर उन्हें गंगा नदी में प्रवाहित करते हैं, साथ ही मंदिरों में विभिन्न पूजा अनुष्ठान और दीपदान भी करते हैं।

देव दिवाली 2025: पूजा अनुष्ठान

कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है। ये दिन बहुत पवित्र माना जाता है और पूजा-पाठ के लिए खास होता है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और तरह-तरह की धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां करते हैं — जैसे गंगा में स्नान करना, उपवास रखना, पूजा करना और दीपक जलाकर त्योहार मनाना।

भक्त इस दिन भगवान शिव की भी पूजा करते हैं, क्योंकि कहा जाता है कि उन्होंने इसी दिन राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। इसलिए लोग उन्हें धन्यवाद देने के लिए भी ये दिन मनाते हैं। कई लोग वाराणसी जाकर घाटों पर दीपदान करते हैं, जिससे पूरा शहर दीपों की रोशनी से जगमगा उठता है।