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Dev Uthani Ekadashi Deep Daan : देव उठनी एकादशी पर 1 दीपक से 11,000 दीपों तक, जानिए कहां-कितने दीये जलाना शुभ माना जाता है

Dev Uthani Ekadashi Deep Daan : देवउठनी एकादशी पर 1 से 11,000 दीपक जलाने का महत्व जानें। घर, मंदिर, तुलसी और पीपल के पेड़ के पास दीप जलाने से क्या लाभ होते हैं।

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भारत

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Manoj Vashisth

Oct 30, 2025

Dev Uthani Ekadashi Deep Daan

Dev Uthani Ekadashi Deep Daan : दीप दान की सही संख्या: तुलसी विवाह का महा-रहस्य (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Dev Uthani Ekadashi Deep Daan : देवउठनी एकादशी के दिन जब सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु चार महीने की गहरी नींद से जागते हैं। जब स्वयं भगवान जगेंगे, तो धरती पर शुभता और ऊर्जा का कितना बड़ा संचार होगा। यही वजह है कि इस एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं और इसी दिन से शादियों समेत सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं।

इस महा-पर्व का सबसे खास और खूबसूरत हिस्सा है दीप दान। दीये जलाना न सिर्फ उत्सव का प्रतीक है, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और दुख पर सुख की विजय का भी सूचक है।

देव उठनी एकादशी पर दीये जलाने की शुभ संख्या क्या है

वैसे तो दीये जलाने के लिए कोई खास नियम नहीं है, लेकिन हमारी सदियों पुरानी परंपराओं में कुछ संख्याएं बेहद शुभ मानी गई हैं। दरअसल, देवउठनी एकादशी के दिन ही माता तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम जी से हुआ था। इसलिए, तुलसी माता के पास दीपक जलाना सबसे ज्यादा जरूरी और कल्याणकारी माना जाता है।

1, 5, 11, 21, 51 या 108 दीये: आप अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार इनमें से कोई भी संख्या चुन सकते हैं।

11 दीये (सबसे शुभ):

तुलसी माता के पास गमले में: कम से कम 1 या 5 दीये।

भगवान विष्णु/शालिग्राम जी की चौकी पर: 1 दीया।

घर के मुख्य द्वार पर: दोनों ओर 2 दीये।

रसोई में: 1 दीया।

पीपल के पेड़ के नीचे: 1 दीया।

मंदिर में: 1 दीया।

दीपक का महत्व:

1 दीया: रात में रसोई में दीपक जलाना शुभ माना जाता है, जिससे घर में अन्न और धन का भंडार सदा भरा रहता है। साथ ही, श्री हरि के मंदिर में दीपक जलाने से भी घर में सुख-शांति आती है। यदि संभव हो तो पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर उसकी सात परिक्रमा करें, इससे कर्ज से मुक्ति और धन लाभ के योग बनते हैं।

2 दीये: घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर एक-एक दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

5 दीये: यदि आप अधिक दीये नहीं जला सकते, तो 5 दीये जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। ये पांच दीये पंचदेवों (गणेश, शिव, शक्ति, सूर्य और विष्णु) या पंचतत्वों का प्रतीक होते हैं।
विशेष महत्व: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के पास 5 घी के दीपक जलाने का विशेष महत्व है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और धन लाभ मिलता है। आप घर के मंदिर, मुख्य द्वार और रसोई में भी एक-एक दीपक जला सकते हैं।

7 दीये: कुछ स्थानों पर 7 दीये जलाने की परंपरा है, जो सप्ताह के सातों दिन और सात लोकों का प्रतीक माने जाते हैं।

11,000 दीये (महापुण्य): अगर भक्त सामर्थ्यवान हैं, तो कार्तिक माह की तरह एकादशी पर 11,000 दीये जलाकर दान करने का संकल्प लिया जा सकता है, जिसे महापुण्यकारी माना जाता है।

11 बत्तियों वाला दीपक: पीपल के पेड़ के नीचे 11 बत्तियों वाला दीपक जलाने से भगवान विष्णु मनोकामना पूरी करते हैं। भगवान विष्णु की पूजा करते समय चारमुखी दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है, जो चारों दिशाओं में सुख और शांति लेकर आता है।

विशेष जानकारी और उपाय

दीपक की बत्ती और घी: मुख्य रूप से गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। अगर घी न हो, तो तिल के तेल का प्रयोग करें। तुलसी के पास घी का दीपक जलाना सबसे शुभ माना जाता है।

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पीपल के नीचे 11 बत्तियों वाला दीपक: माना जाता है कि पीपल के पेड़ के नीचे 11 बत्तियों वाला एक बड़ा दीपक जलाने से भगवान विष्णु आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।

चारमुखी दीपक: भगवान विष्णु की पूजा के समय चारमुखी दीपक (चारों दिशाओं में मुख वाला) जलाना बहुत शुभ होता है, यह चारों दिशाओं से सुख-शांति को आकर्षित करता है।

जागरण का संदेश: देवउठनी एकादशी केवल भगवान के जागने का पर्व नहीं है, बल्कि यह हमें संदेश देता है कि आलस्य को त्याग कर, अपने भीतर के देवत्व को जगाओ और कर्म के मार्ग पर अग्रसर हो जाओ।