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Lord Brihaspati: अगर आप चाहते हैं जीवन में सुख-शांति, तो गुरूवार के दिन इस विधि से करें भगवान बृहस्पति की पूजा

Lord Brihaspati: अगर आप भी जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति और सुख-शांति चाहते हैं, तो गुरुवार को इस आसान एवं प्रभावी विधि से भगवान बृहस्पति की आराधना कर सकते हैं। यह जरूरी नियम बताए गए हैं।

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भारत

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MEGHA ROY

Oct 29, 2025

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Lord Brihaspati blessing|फोटो सोर्स – Freepik

Lord Brihaspati: हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। मान्यता है कि सच्चे मन से उनकी पूजा करने से ज्ञान, धन, वैभव और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है। यदि आप भी जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति और सुख-शांति चाहते हैं, तो गुरुवार को इस आसान एवं प्रभावी विधि से भगवान बृहस्पति की आराधना करें। यह विधि न केवल सरल है, बल्कि नियमित करने पर चमत्कारिक परिणाम देती है। आइए जानते हैं, कैसे करें पूजा…

गुरुवार का महत्व

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को सभी ग्रहों का गुरु कहा गया है, इसलिए इस दिन उनका पूजन विशेष फलदायी होता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा भाव से गुरुवार का व्रत रखता है, उस पर बृहस्पति देव की असीम कृपा होती है। यह व्रत आर्थिक समृद्धि, मानसिक शांति और पारिवारिक सुख प्रदान करता है।

व्रत को करने से गुरु दोष समाप्त होता है

गुरुवार का शुभ रंग पीला माना गया है। इस दिन पीले वस्त्र पहनना और पूजा में पीले फूल या हल्दी का प्रयोग करना शुभ होता है। व्रतधारी प्रायः घी, चने की दाल और पीले रंग के पदार्थों से व्रत का पारण करते हैं। इस व्रत को करने से जीवन से गुरु दोष समाप्त होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

गुरुवार पूजन विधि

  • सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा आरंभ करें।
  • पूजा की शुरुआत “ॐ नमो नारायणाय” मंत्र के 108 बार जप से करें।यह मंत्र घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का वातावरण बनाता है।
  • पूजा में दूध, दही और घी जैसे सात्त्विक पदार्थों का प्रयोग करें।
  • व्रत के दिन सामान्यतः एक बार ही भोजन किया जाता है।
  • व्रत का पारण दूध या दूध से बने व्यंजनों से करें।

भोजन और नियम

  • इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति नमक का सेवन न करे। उसे केवल पीले रंग के पदार्थों से बना भोजन करना चाहिए, और वो भी सिर्फ एक बार।
  • भोजन बनाते समय तेल की जगह गाय का घी उपयोग करना शुभ माना जाता है।
  • भगवान को जो फल अर्पित किए जाएं, उन्हें स्वयं न खाकर दूसरों को दान करना चाहिए।

पूजा के नियम और उपाय

  • पूजा के बाद केसर का तिलक लगाकर ही कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ करना चाहिए। ऐसा करने से कार्य सिद्ध होते हैं।
  • अगर किसी की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो या बृहस्पति की दृष्टि अनुकूल न हो, तो रोज शिवलिंग पर पीला कनेर का फूल और साबुत सफेद चावल चढ़ाना लाभकारी होता है। इससे शिवजी प्रसन्न होते हैं और ग्रहदोष का प्रभाव कम होता है।
  • आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए गुरुवार की सुबह स्नान के बाद तुलसी के पौधे में गाय का कच्चा दूध अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा करने से न केवल आर्थिक लाभ होता है बल्कि रिश्तों में भी मधुरता और नई ऊर्जा आती है।