Modern MEMU coaches will run on Mahoba, Khajuraho and Lalitpur route
रतलाम। आदिवासी बहुल इलाकों के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में रेल मंत्रालय ने अहम कदम उठाया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 380 किलोमीटर लंबी नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद-नंदुरबार नई लाइन के लिए फाइनल सर्वेक्षण हेतु विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की मंजूरी दी है।
इस स्वीकृति के संबंध में रेलवे के अनुसार आदिवासी बहुल बांसवाड़ा की स्वाभाविक कनेक्टिविटी दाहोद के साथ है। इसलिए डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम प्रोजेक्ट के साथ नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद रेल लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इस लाइन से दिल्ली से मुंबई जाने वाली रेलगाड़ियां के लिए आदिवासी बहुल बांसवाड़ा से होकर एक नया रूट प्राप्त होगा। यह रूट ताप्ती सेक्शन से मुंबई-दिल्ली मेन रूट को दाहोद से जोड़ने वाला सबसे छोटा रूट होगा। इससे मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के छह शहरों को लाभ होगा। शहादा शहर को भी सर्वेक्षण के लिए इस मार्ग में शामिल किया जा सकता है, क्योंकि इस शहर की आबादी 50 हजार से अधिक है।
यह लाभ होगा इससे
राजस्थान का बांसवाड़ा जिला पहाड़ी क्षेत्र और खनिज संपदा से समृद्ध है, लेकिन अभी भारतीय रेल से जुड़ा नहीं है। इस क्षेत्र में मैंगनीज अयस्क, डोलोमाइट, चूना पत्थर, सोना, तांबा, क्वार्टजाइट जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए क्षेत्र से माल ढुलाई की भी प्रबल संभावना है, जिसका नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद के छोटे मार्ग से परिवहन किया जा सकेगा। वहीं, दाहोद-अलीराजपुर-नंदुरबार एक पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्र में स्थित है। यह ताप्ती रेल खंड से दाहोद में उच्च घनत्व नेटवर्क यानी मुंबई-नई दिल्ली मुख्य मार्ग को जोड़ने वाला छोटा मार्ग होगा। यह मार्ग विकास की मुख्यधारा से वंचित लोगों काे भी लाभ देगा और उन्हें रेल के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगा। इस नए रेल मार्ग से राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
Published on:
26 Jul 2025 11:46 pm
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