प्रतीकात्मक तस्वीर-फ्रीपिक
रतलाम. प्रतिबंधित अल्प्राजोलम बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़ होने के बाद नई जानकारी सामने आई है। जिस जगह पर यह काम किया जा रहा था वह किराए का गोदाम था। इसमें ड्रग कंट्रोलर से जो लाइसेंस लिया गया था वह अभिजीत के नाम से था और उसे आयुर्वेदिक दवाई और हर्बल सैनिटाइजर बनाने के लिए दिया हुआ था। जांच के दौरान और बाद में अभिजीत और उसके साथी रूपसिंह के नाम से किसी तरह का अल्प्राजोलम बनाने का कोई लाइसेंस था ही नहीं। टीम को परिजनों ने बताया था कि लाइसेंस के लिए आवेदन कर रखा है। यह प्रक्रिया आवेदन तक ही सीमिति थी, लाइसेंस जारी नहीं हुआ है।
22 तक रिमांड पर है दोनों आरोपी
एनसीबी की टीम ने रविवार को ही दोनों को हिरासत में लेकर रतलाम कोर्ट में पेश किया था। यहां से उन्हें 22 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर लिया गया था। दीपावली का त्योहार होने की वजह से भी बहुत ज्यादा पूछताछ नहीं हो पाई है। रिमांड अवधि खत्म होने से पहले तक इन दोनों से कोई महत्वपूर्ण सुराग या कोई और पुख्ता जानकारी मिल सकती है। इन्हें 22 अक्टूबर को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाना है। एनसीबी सूत्रों की माने तो कोर्ट से एनसीबी इन्हें दोबारा रिमांड पर मांगने की तैयारी कर रही है। वजह यह है कि इन दोनों ने अभी तक की पूछताछ में कुछ खास नहीं बताया है।
यह है मामला
एनसीबी की टीम ने हैदराबाद से मिली पुख्ता जानकारी के आधार पर शनिवार की रात से ही महू-नीमच हाईवे स्थित इप्कालैबोरेटरी के पास स्थित एक गोदाम में छापामारी की थी। यहां से 3 करोड़ 44 लाख रुपए कीमत का 13 किलो से ज्यादा अल्प्राजोलम पावडर सहित अन्य मशीनें गोदाम से जब्त की थी। दो आरोपी अभिजीतसिंह और रूपसिंह चौहान को एनसीबी टीम ने दबौचा था। गोदाम को सील कर दिया गया है। इसके अंदर बड़ी मात्रा में कच्चा माल और कैमिकल के साथ ही बड़ी-बड़ी मशीनें भी रखी हुई हैं।
Updated on:
22 Oct 2025 11:14 pm
Published on:
22 Oct 2025 11:13 pm
बड़ी खबरें
View Allरतलाम
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग