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#BreakingNews : ई केवाईसी नहीं कराई तो जनगणना के समय बाहर हो सकते हैं नाम

समग्र आईडी अनिवार्य, बिना इसके स्वीकार नहीं होगा जनगणना में नाम, अब तक हजारों नाम काटे

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रतलाम. आगामी समय में जनगणना होना है। इसके पूर्व समग्र आईडी से आधार कार्ड लिंक नहीं किया तो उन्हें जनगणना में शामिल नहीं किया जाएगा। निकायों के अधिकारियों को भी स्पष्ट निर्देश है कि हर हाल में सभी समग्र आईडी की ई केवाईसी करवाएं वरना ऐसा कदम उठाया जा सकता है। इस निर्देश के बाद सारे निकायों के अफसरों ने इसी पर ध्यान केंद्रित कर दिया है।

उस समय दौड़ लगाने से बचें

निगम अधिकारियों के अनुसार जनगणना के समय समग्र नंबर लिए जाएंगे। जिनके ई केवाईसी नहीं पाए जाएंगे उन्हें उसी समय इन्हें करवाने के लिए दौड़ लगानी पड़ सकती है। अभी सर्वर कई बंद हो जाता है। जब सारे लोग एक साथ ई केवाईसी करवाने आएंगे संभव है और ज्यादा परेशानी हो सकती है।

49 हजार आईडी डिलीट की

समग्र आईडी को ई केवाईसी करवाने के मामले में जिले के ग्रामीण और नगरीय निकायों में सबसे खराब स्थिति है। 5 अप्रेल से लेकर 31 जुलाई तक के समय में नगर निगम अमले ने 49 हजार से ज्यादा फर्जी समग्र आईडी डिलीट की है। ये वे आईडी हैं जिनका पता निगमकर्मियों को भी नहीं मिल पाया।

अभी भी डेढ़ लाख नकली आईडी

रतलाम नगर निगम की सीमा में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा समग्र आईडी या तो फर्जी है या फिर लोगों ने डबल बनवा रखी है। 2017 के पहले से यह स्थिति बनी हुई है और अब तक आए कई अफसरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब शासन ने सख्ती बरती तो इस पर चार माह में तेजी से काम होने लगा है।

मात्र नौ फीसदी बढ़ी संख्या

शासन ने समग्र आईडी को ई केवाईसी करवाने पर खासतौर से ध्यान केंद्रित किया हुआ है। इससे पिछले चार माह में हर दिन इसे लेकर समीक्षा हो रही। नगर निगम की आईटी सेल की हालत यह है कि चार माह में मात्र नौ फीसदी ही प्रोग्रेस कर पाई है। 1 लाख 59 हजार से बढक़र अब 1 लाख 89 हजार हो पाई है।

फैक्ट फाइल

अप्रेल में आईडी की संख्या थी - 526077

केवाईसी थी - 159748

लंबित थी - 366112

31 जुलाई तक समग्र आईडी की संख्या - 476975

केवाईसी हो पाई - 189769

लंबित है - 286735

डिलीट की समग्र आईडी - 49102

केवायसी हो पाई - 30021

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समग्र में जरूरी है ई केवाईसी

सभी समग्र आईडी में ई केवाईसी करवाना अनिवार्य है। जिनकी ई केवाईसी नहीं होगी वह समग्र आईडी डिलीट की जा रही है। जनगणना में भी ई केवाईसी वाली समग्र का होना अनिवार्य है। अन्यथा जनगणना के समय ऐसे लोगों के नाम नहीं शामिल होने से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ सकती है। आम जनता अपनी समग्र आईडी की आधार से ई केवाईसी अनिवार्य रूप से करवाएं। ऐसा नहीं होने की दशा में उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिलना भी बंद हो सकता है।

अनिल भाना, नगर निगम आयुक्त, रतलाम