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बनेडिया-ढीलीखेड़ा में सोलर पनघट से बुझेगी प्यास

आदिवासी क्षेत्रों में अब विकास की नई धारा बहेगी। गांवों की प्यास बुझाने के लिए सोलर पनघट लगेंगे, सामाजिक मेल-मिलाप के लिए सामुदायिक भवन बनेंगे और श्मशान घाटों से लेकर सीसी सड़कों तक बुनियादी ढांचे को सशक्त किया जाएगा।

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Solar Panghat News

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मधुसूदन शर्मा

राजसमंद. आदिवासी क्षेत्रों में अब विकास की नई धारा बहेगी। गांवों की प्यास बुझाने के लिए सोलर पनघट लगेंगे, सामाजिक मेल-मिलाप के लिए सामुदायिक भवन बनेंगे और श्मशान घाटों से लेकर सीसी सड़कों तक बुनियादी ढांचे को सशक्त किया जाएगा। जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त, उदयपुर ने इन कार्यों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी है। इन विकास कार्यों में 30 प्रतिशत राशि एसएफसी व एफएफसी मद से और 70 प्रतिशत राशि जनजाति मद से खर्च की जाएगी। इसके तहत प्रदेश के 11 जिलों बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, जयपुर, जालौर, करौली, प्रतापगढ़, राजसमंद, उदयपुर, सलूंबर और डूंगरपुर के चुनिंदा गांवों में काम किए जाएंगे। राजसमंद जिले में राजसमंद, देवगढ़ और रेलमगरा क्षेत्रों के सात गांवों को विकास कार्यों के लिए चुना गया है। कुंदवा, भचेडिया, अनोपपुरा, खारणिया, बनेडिया, ढीली खेड़ा और काना खेड़ा। इन गांवों में कुल 156.50 लाख रुपए की लागत से सड़क, बिजली, सोलर पनघट, सामुदायिक भवन और श्मशान घाट जैसे कार्य होंगे। आयुक्त कार्यालय ने जिला परिषद के सीईओ को आदेश दिए हैं कि सभी कार्यों के तकमीने, तकनीकी स्वीकृति और दस्तावेज जल्द आयुक्तालय को भेजे जाएं ताकि समयबद्ध तरीके से काम शुरू किया जा सके। गौरतलब है कि आदिवासी क्षेत्रों के करीब 260 गांवों में विकास कार्य करवाए जाएंगे।

जनजाति भागीदारी योजना में होंगे काम

इन सभी कार्यों को जनजाति भागीदारी योजना के तहत करवाया जा रहा है, जिसमें स्थानीय समुदाय की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। योजना का मकसद है कि ग्रामीण खुद अपने गांवों के विकास के सहभागी बनें और योजनाओं की निगरानी में सक्रिय भूमिका निभाएं।

विकास की दिशा में ठोस कदम

राजसमंद जिले में यह परियोजना न केवल आधारभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करेगी बल्कि जल संरक्षण, सामुदायिक एकता और ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को भी प्रोत्साहन देगी। सोलर पनघट से जहां पानी की उपलब्धता बढ़ेगी, वहीं बिजली पर निर्भरता घटेगी। सामुदायिक भवन ग्रामीण संस्कृति और सामाजिक मेलजोल का केंद्र बनेंगे।

गांव-गांव की तस्वीर बदलेगा विकास का खाका

  • देवगढ़ के कुंदवा गांव की भील बस्ती में अब श्मशान घाट और सीसी संपर्क सड़क का निर्माण होगा। इस पर कुल 34 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे ग्रामीणों को अंतिम संस्कार व आवागमन दोनों में सुविधा मिलेगी।
  • देवगढ़ तहसील के भचेडिया गांव में सीसी संपर्क सड़क, सामुदायिक भवन और रोड लाइट लगाई जाएगी। गांव में कुल 35 लाख रुपए की लागत से ये कार्य पूरे होंगे। इससे गांव में सामुदायिक कार्यक्रमों और रात्रिकालीन सुरक्षा दोनों में सुधार होगा।
  • अनोपपुरा में भील बस्ती के लिए सीसी सड़क, रोड लाइट, विद्युत कनेक्शन और सामुदायिक भवन का निर्माण किया जाएगा। इस पर 25 लाख रुपए खर्च होंगे। गांव की गलियां रात में भी रोशन होंगी और सामुदायिक भवन सामाजिक गतिविधियों का नया केंद्र बनेगा।
  • राजसमंद की बोरज पंचायत के खारणिया गांव में सामुदायिक भवन पर 15 लाख रुपए खर्च होंगे। वहीं श्मशान घाट की चारदीवारी व टीन शेड निर्माण पर अतिरिक्त 10 लाख रुपए खर्च होंगे। इससे धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए समुचित व्यवस्था बनेगी।
  • रेलमगरा क्षेत्र के बनेडिया गांव में दो जगह सोलर पनघट स्थापित किए जाएंगे
  • एक सार्वजनिक प्याऊ के पास और दूसरा चार रास्ता चौराहे पर। दोनों पर 7.50-7.50 लाख रुपए यानी कुल 15 लाख रुपए खर्च होंगे। इससे गांव में पेयजल की समस्या काफी हद तक खत्म होगी और महिलाओं को पानी लाने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
  • ढीली खेड़ा गांव में बनेडिया से भील बस्ती तक माताजी मंदिर तक सीसी सड़क और नाली का निर्माण होगा। इस कार्य पर 7.50 लाख रुपए खर्च होंगे। इससे गांव का आवागमन सुगम होगा और जलभराव की समस्या खत्म होगी।
  • रेलमगरा के कानाखेड़ा गांव में आबादी चौक में सीसी सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस पर 35 लाख रुपए खर्च होंगे। सड़क निर्माण से न केवल आवागमन में सुविधा होगी बल्कि ग्रामीण व्यापार और आवासीय क्षेत्र की स्थिति में भी सुधार आएगा।

फेक्ट फाइल पर एक नजर

  • कुल व्यय: ₹156.50 लाखयोजना: जनजाति भागीदारी योजना
  • फंड स्रोत: 30% एसएफसी-एफएफसी मद 70% जनजाति मदस्वीकृति जारीकर्ता: जनजाति क्षेत्रीय आयुक्त कार्यालय, उदयपुर
  • लाभार्थी जिले: बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, जयपुर, जालौर, करौली, प्रतापगढ़, राजसमंद, उदयपुर, सलूंबर, डूंगरपुर