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राजसमंद. दीपावली का त्यौहार आते ही बाजारों में रौनक लौट आई है। मिठाइयों की खुशबू, सजावट की चमक और कपड़ों की दुकानों पर बढ़ती भीड़ के बीच इस बार सबसे ज्यादा चर्चा का विषय हैं ग्रीन पटाखे। प्रदूषण और सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस बार फिर से ग्रीन पटाखों को ही बिक्री की अनुमति दी है। जिले में इस बार जिले में राजसमंद में 86, देवगढ़ में16, नाथद्वारा में 34, भीम में 10 और रेलमगरा में 11 दुकानदारों ने विस्फोटक अधिनियम के तहत लाइसेंस के लिए आवेदन किए हैं। कुल 157 आवेदनों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब पुलिस की रिपोर्ट के बाद प्रशासन अस्थायी दुकानों का आवंटन करेगा। उम्मीद की जा रही है कि दीपावली तक बाजार में रंग-बिरंगे ग्रीन पटाखों की चमक दिखाई देने लगेगी।
राज्य सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार इस बार बाजार में केवल ग्रीन पटाखे ही बिक्री के लिए पहुंचेंगे। इन पटाखों की खासियत यह है कि इनमें बारूद और भारी धातुओं की मात्रा बेहद कम होती है, जिससे प्रदूषण घटता है और हवा में जहरीले तत्वों का स्तर नहीं बढ़ता।
प्रत्येक पैकेट पर क्यूआर कोड होगा, जिसे मोबाइल से स्कैन करके खरीदार यह देख सकेगा कि पटाखा वाकई “ग्रीन” है या नहीं। कोड स्कैन करने पर नीरी (NEERI) द्वारा प्रमाणित विवरण सामने आएगा।
जिला प्रशासन ने नौ सितंबर से 29 सितंबर तक पटाखा बिक्री के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे।आवेदन के साथ दुकानदारों को शपथ पत्र, साइट प्लान, अग्निशमन यंत्र की रसीद जैसी दस्तावेज़ी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी। अब इन सभी आवेदनों की जांच के बाद ही अस्थायी दुकानों का आवंटन होगा। प्रशासन ने साफ कहा है कि केवल उन्हीं दुकानदारों को अनुमति मिलेगी, जो सुरक्षा मानकों का पालन करेंगे।
हर साल दीपावली के बाद हवा में बारूद और कचरे की गंध घुल जाती है। एनजीटी की रिपोर्टों के अनुसार पटाखों से निकलने वाले घातक धुएं की मात्रा 100 से 120 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। हालांकि 2021 में कोरोना महामारी के चलते पटाखों पर लगी रोक के कारण प्रदूषण का स्तर सबसे कम दर्ज हुआ था।इस बार ग्रीन पटाखों के चलते उम्मीद है कि हवा में जहर नहीं, खुशबू घुलेगी।
शहर के पटाखा व्यापारियों ने पहले से ही ग्रीन पटाखों का स्टॉक मंगवाना शुरू कर दिया है। कई दुकानदारों ने पुराने स्टॉक को प्रशासनिक कार्रवाई के डर से बाहर नहीं निकाला है। उनका कहना है कि दिवाली पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी की पहली पसंद फुलझड़ी और अनार ही रहते हैं। ग्रीन पटाखे दिखने में भी आकर्षक हैं और प्रदूषण भी नहीं फैलाते, इसलिए बिक्री अच्छी होने की उम्मीद है। इस बार बिक्री का दायरा न केवल शहर बल्कि आस-पास के ग्रामीण इलाकों तक फैलेगा।
बाजार में नकली या प्रतिबंधित पटाखों के नाम पर ग्रीन लेबल वाले पटाखे बेचने की कोशिशें भी होती रही हैं।
इसलिए प्रशासन ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि :-
इस बार की दीपावली का संदेश स्पष्ट है कि खुशियां मनाएं, लेकिन प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाएं।बच्चों के लिए यह सीखने का भी समय है कि कैसे वैज्ञानिक सोच और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ त्यौहार मनाया जा सकता है। राजसमंद के बाजारों में फुलझड़ियों की चमक, सतरंगी आसमान और उत्साह की लहर तो होगी ही, लेकिन इस बार वह सांस लेने लायक हवा और हरा-भरा माहौल भी साथ लेकर आएगी।
Updated on:
11 Oct 2025 07:58 pm
Published on:
11 Oct 2025 07:57 pm
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