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राजसमंद की शिक्षा में चेतावनी की घंटी: 15वें स्थान पर ठहरा जिला, अब भी टॉप-10 से दूर

राजसमंद के सरकारी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना के बाद बच्चों की हंसी भले गूंजती है, पर शिक्षा के आंकड़े एक अलग ही कहानी कह रहे हैं।

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Education News

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राजसमंद. राजसमंद के सरकारी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना के बाद बच्चों की हंसी भले गूंजती है, पर शिक्षा के आंकड़े एक अलग ही कहानी कह रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, राजस्थान की सितंबर माह की रैंकिंग रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया कि जिले की शिक्षा व्यवस्था अब भी सुधार की प्रतीक्षा में है। राजसमंद जिला इस बार प्रदेश में 15वें पायदान पर रहा यानी न टॉप-10 में जगह, न किसी नई सफलता की कहानी। राजसमंद की ब्लॉकवार आंकलन करें उसमें भी राजसमंद 40वें पायदान पर है। जोधपुर की हालत बेहद नाजुक है। वह प्रदेश में सबसे अंतिम पायदान पर है।

कभी आदर्श माने जाने वाले स्कूलों में अब रैंकिंग की गिरावट

एक समय था जब राजसमंद के ग्रामीण विद्यालय “मॉडलस्कूल” के तौर पर जाने जाते थे। लेकिन इस बार की रैंकिंग ने विभाग की निष्क्रियता और जमीनी स्तर पर कमजोर फॉलो-अप की पोल खोल दी। शिक्षा विभाग की ओर से जारी 41 जिलों की सूची में राजसमंद की स्थिति मध्य स्तर पर आकर ठहर गई है, जबकि पास के जिले चित्तौड़गढ़़(11वां) और डूंगरपुर (6वां) बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

क्यों पिछड़ रहा है राजसमंद?

शिक्षा विभाग की रैंकिंग 12 से अधिक मानकों पर तय होती है — इनमें छात्र उपस्थिति, विद्यालय नामांकन वृद्धि, आधार प्रमाणीकरण, शिक्षण गुणवत्ता, पीटीएम उपस्थिति, खेल मैदान विकास और ड्रॉपआउट दर प्रमुख हैं। सूत्र बताते हैं कि राजसमंद में इन मानकों पर कई ब्लॉक लगातार पिछड़ रहे हैं। विशेष रूप से रेलमगरा, देलवाड़ा, कुंभलगढ़ और भीम ब्लॉकों की स्थिति चिंताजनक बताई गई है।

शिक्षा में ठहराव, भविष्य पर असर

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार तीन तिमाहियों से जिले की रैंकिंग में सुधार नहीं हुआ है। उनका कहना है कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी और डिजिटल साधनों की अनुपलब्धता बच्चों की सीखने की गति को प्रभावित कर रही है। कई ब्लॉकों में आईसीटी लैब हैं, लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है।

अब जरूरी है जागरूक नेतृत्व और जमीनी सुधार

राजसमंद शिक्षा विभाग को यह समझना होगा कि आंकड़ों की यह गिरावट सिर्फ रैंक नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य पर सीधा असर है।जरूरत है कि ब्लॉकवार स्तर पर समीक्षा हो, स्कूलों की आवश्यकताओं का सर्वे किया जाए और शिक्षकों को प्रोत्साहन दिया जाए। अगर अब भी गंभीरता नहीं दिखाई गई, तो आने वाले वर्षों में राजसमंद और नीचे फिसल सकता है।

ये हैं मानक, जिनसे तय होती रैंक

  • - विद्यालय के द्वारा डोनेशन
  • - प्रतिदिन छात्र उपस्थिति ऑनलाइन करने पर
  • - विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रम और पुरस्कार
  • - लाइब्रेरी पुस्तकों का वितरण
  • - आधार जन आधार ऑथेंटिकेशन
  • - एसएमसी और एसडीएमसी बैठकें
  • - आईसीटी लैब
  • - पंचायत और नामांकन वृद्धि
  • - खेल मैदान का विकास
  • - पीटीएम उपस्थिति
  • - शिक्षण कार्य की गुणवत्ता और निरीक्षण रिपोर्ट
  • - विद्यालय नामांकन और ड्रॉपआउट दर
  • - शिक्षा परिणाम एवं सीखने के स्तर का आकलन
  • - शैक्षिक योजनाओं का क्रियान्वयन और रिपोर्टिंग समयबद्धता

राजस्थान शिक्षा रैंकिंग 2025 (सितंबर माह) – टॉप 10 जिले

रैंकजिलास्कोर
1चूरू55.00
2सीकर54.85
3झुंझुनूं54.16
4सवाई माधोपुर51.63
5हनुमानगढ़51.33
6डूंगरपुर51.06
7टोंक50.98
8नागौर50.95
9कोटा50.87
10करौली50.52

राजसमंद जिले की ब्लॉकवार रैंकिंग

ब्लॉकरैंकस्कोर
राजसमंद4051.60
भीम10050.18
खमनोर6150.93
देवगढ़11449.81
रेलमगरा24045.88
आमेट5251.25
कुंभलगढ़14849.12
देलवाड़ा15248.96

प्रदेश की जिलेवार शिक्षा रैंकिंग

रैंकजिलास्कोर
11चित्तौड़गढ़50.32
12पाली50.18
13झालावाड़49.93
14अजमेर49.89
15राजसमंद49.77
16बूंदी49.69
17जयपुर49.24
18भरतपुर49.11
19फलौदी48.68
20डीग48.60
21गंगानगर48.17
22अलवर47.55
23सिरोही47.09
24भीलवाड़ा47.04
25उदयपुर47.01
26बीकानेर46.51
27सलूंबर46.07
28दौसा45.48
29बारां43.56
30डीडवाना-कुचामन42.67
31धौलपुर41.93
32जैसलमेर41.68
33कोटपूतली-बहरोड़41.01
34खैरथल-तिजारा41.00
35प्रतापगढ़40.16
36जालोर40.02
37बालोतरा35.73
38बाड़मेर33.51
39बांसवाड़ा26.58
40ब्यावर25.98
41जोधपुर24.40

उदयपुर संभाग के जिलों का शिक्षा रैंकिंग स्तर

जिलारैंकस्कोर
चित्तौड़गढ़1150.32
डूंगरपुर651.06
प्रतापगढ़3540.16
राजसमंद1549.77
उदयपुर2547.01
बांसवाड़ा3926.58
सलूंबर2746.07