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घुटनों के बल कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान, बोले- ‘सरकार ने हमें घुटनों पर ला दिया है’

mp news: अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का मुआवजा मांगने किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने किया अनूठा प्रदर्शन..।

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rajgarh

Farmers stage unique protest reaching Collectorate on their knees

mp news: मध्यप्रदेश के राजगढ़ में अतिवृष्टि और कीट व्याधि से खराब हुई खरीफ की फसलों के मुआवजे, राहत राशि की मांग को लेकर किसानों ने अनूठा प्रदर्शन किया। घुटनों के बल कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों और भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया और कहा कि सरकार ने हमें घुटनों पर ला दिया है। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों ने एसडीएम को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा जिस पर एसडीएम निधि भारद्वाज ने किसानों को आश्वासन दिया कि जहां भी कमी होगी या जो भी गांव छूटे होंगे वहां दोबारा टीम भेजी जाएगी।

किसानों का आरोप-खेतों में नहीं जा रहे अधिकारी

कलेक्ट्रेट के गेट पर ही धरना-प्रदर्शन पर अड़े पदाधिकारियों, किसानों ने जमकर खरी खोटी सुनाई और कहा कि अधिकारी खेतों में जा नहीं रहे हैं और किसानों की पीड़ा नहीं समझ रहे। न ही उनके नुकसान के हिसाब से उन्हें राहत राशि मिल पाई, बीमा भी नहीं मिल रहा। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आगे कहा कि सोसायटियों में हमें खाद नहीं दे रहे, कह रहे पहले बकाया जमा करो और सरकार भावांतर दिवाली बाद लागू करेगी। ऐसे में हम कहां से रुपए लाएं। प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार ने ऐसी व्यवस्थाओं से हमें घुटनों पर ला दिया है, हमारा लागत मूल्य निकल पाना भी मुश्किल हो रहा है। नारेबाजी करते हुए पहुंचे किसान यूनियन के पदाधिकारी पहले कलेक्टर को ही ज्ञापन सौंपने पर अड़ गए और घुटनों के बल पहुंचे किसान सड़क पर ही बैठ गए। जहं उन्होंने तमाम परेशानियां बताई।

'अफसरों ने नहीं, पत्रिका ने समझी हमारी पीड़ा'

प्रदर्शन के दौरान आस-पास के विभिन्न गांवों से आए किसानों ने पत्रिका हाथों में लहराई और एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों को बताई। उन्होंने कहा कि अफसरों ने हमारी पीड़ा नहीं सुनी न ही सर्वे किया, पत्रिका वालों ने हमारी पीड़ा सुनीं और उजागर किया है। इसमें अधिकारी कह रहे हैं कि नुकसान नहीं हुआ है, हमसे पूछो कि कितना नुकसान हुआ है। पत्रिका वालों ने किसानों की पीड़ा, भाव समझे हैं लेकिन सरकार नहीं समझना चाहती। इसीलिए हम यह प्रदर्शन करने पहुंचे हैं।

भारतीय किसान यूनियन की मांगें

-- भावांतर नहीं चाहिए, इस योजना से किसानों की बजाए बड़ी कंपनियों को फायदे होंगे। इसे वापस ली जाए और सख्ती के साथ एमएसपी पर सोयाबीन खरीदी जाए। इससे कम पर खरीदी करने को दंडनीय अपराध मानकर कार्रवाई करें ।
-- अतिवृष्टि से हुए नुकसान का नजरी और सेटेलाइट सर्वे की बजाए पटवारी हल्के को ईकाइ मानकर औसत उपज की तुलना में आई कमी को आधार बनाकर क्षति राशि दें ।
-- खाद का संकट आ रहा है, इसकी पूर्व व्यवस्था सरकार के माध्यम से की जाए ।
-- नकली खाद के मामले में कार्रवाई की जाए ।
-- किसानों को कम से कम 12 घंटे बिजली मुहैया करवाई जाए। स्मार्ट मीटर योजना बंद की जाए ।

-- दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दूध प्रदायकों को पांच रुपए बोनस दिया जाए ।