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बड़ी खबर: इस शहर में नहीं मनेगी ‘पटाखे’ वाली दिवाली, बच्चे और युवा मायूस

MP News: मध्य प्रदेश के इस शहर में इस बार भी बिना पटाखों की दिवाली मनाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश से बच्चों और युवाओं में निराशा और आक्रोश दोनों दिखा।

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firecracker ban green diwali supreme court ngt orders mp news

firecracker ban green diwali supreme court ngt orders (फोटो- सोशल मीडिया)

Firecracker Ban:रायसेन जिले में स्थित औद्योगिक शहर मंडीदीप इस वर्ष भी पर्यावरण संरक्षण के नाम पर बिना पटाखों की दीवाली मनाएगा। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के सख्त आदेशों के चलते बच्चों और युवाओं में निराशा का माहौल है। न्यायालय और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर में लगातार सातवें वर्ष पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, केवल दो घंटे तक ग्रीन पटाखे चलाने की सीमित अनुमति दी गई है। (MP News)

सूनी पड़ी दुकानें, सिर्फ 2 जलाने मिलेंगे ग्रीन पटाखे

मंडीदीप के बाजारों में आमतौर पर दीवाली (Diwali) से पहले पटाखों की दुकाने खुल जाती थीं, लेकिन इस बार दुकाने सूनी पड़ी है। स्थानीय दुकानदार दीपक साहू ने बताया, सात साल से यह सिलसिला चल रहा है। हमारे पास सिर्फ ग्रीन पटाखे है, वो भी सिर्फ दो घंटे के लिए। नुकसान तो हो ही गया।

ऋषिकांत ने मायूसी भरे लहजे में कहा, पापा इस बार तो अनार और चकरी चल जाएगी न, लेकिन सब बंद है। दीवाली पर बिना पटाखों के मजा नहीं आता। युवा वर्ग में भी गुस्सा है। स्कूल स्टूडेंट आहना सिंह बोली, पर्यावरण अच्छा है, लेकिन हमारी खुशियां क्यों छीन ली जाती है, सिर्फ दो घंटे में क्या हो जाएगा। (MP News)

क्यों लगा प्रतिबंध

एनजीटी ने 2018 से ही दिल्ली एनसीआर और प्रदूषण संवेदनशील क्षेत्रों में पटाखों पर पाबंदी लगाई थी, जो अब मंडीदीप जैसे औद्योगिक शहरों तक फैल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने हालिया आदेश में स्पष्ट किया कि बम, रकिट और श्रृंखला पटाखों पर पूर्ण बैन, जबकि ग्रीन पटाखे जिनमें कम धुआं और शोर हो, सिर्फ रात 8 से 10 बजे तक चलाए जा सकते हैं।

पीसीबी के अधिकारी केएन कटारे ने बताया, मंडीदीप में फैक्ट्रियों से पहले ही प्रदूषण अधिक है। पटाखों से एक्यूआई 400 पार हो जाता था। सातवें वर्ष हम 100 प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। उल्लंघन पर 5 साल जेल या एक लाख जुर्माना लगेगा।

जनता और सामाजिक कार्यकर्ताओं में दिखा आक्रोश

क्षेत्र के कारखाने पूरे साल प्रदूषण फैलाते हैं, पीसीबी के अधिकारी आंख बंद कर कर बैठे रहते हैं। जिसके चलते क्षेत्र का प्रदूषण स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसका हर्जाना शहर के आमजन को भुगतना पड़ रहा है।- अमित तिवारी, युवा व्यवसाई मंडीदीप

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से पटाखों पर प्रतिबंध है। इससे लोगों में मायूसी और आक्रोश है। प्रशासन को कोई रास्ता निकालना चाहिए।- छोटू मारण, युवा सामाजिक कार्यकर्ता

व्यायलय को हिंदू त्योहारों पर आतिशवाजी पर प्रतिबंध लगाने की बजाय स्तर कम हो और लोग उत्साह के साथ दिवाली का त्यौहार मना सके।- शिव कुमार भार्गव, अध्यक्ष भगवा पार्टी मध्यप्रदेश