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डिजिटल क्रांति अधूरी : राज्य के सिर्फ 27% सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास, राष्ट्रीय औसत से भी राज्य पीछे

जानकारों की मानें तो राज्य के सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और कंप्यूटर की सुविधा होनी चाहिए ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का स्तर बेहतर हो। हालांकि अभी राज्य इस मामले में काफी पीछे है।

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डिजिटल क्रांति अधूरी : राज्य के सिर्फ 27% सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास, राष्ट्रीय औसत से भी राज्य पीछे

डिजिटल क्रांति अधूरी : राज्य के सिर्फ 27% सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास, राष्ट्रीय औसत से भी राज्य पीछे

राज्य के सरकारी स्कूलों में अभी 9 हजार स्मार्ट क्लासरूम बनाने की घोषणा की गई है, लेकिन शिक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में मात्र 10664 स्कूलों में ही स्मार्ट क्लासरूम हैं। जो कि लगभग 38 हजार सरकारी स्कूलों का लगभग 27 फीसदी ही है। सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम शुरू करने के मामले में राज्य देश के ओवरऑल प्रतिशत से भी पीछे हैं। देश का ओवरऑल 28 प्रतिशत है। यह स्थिति तब है जब युक्तियुक्तकरण के बाद स्कूलों की संख्या में कमी आई है।

प्रोजेक्टर के मामले में भी काफी कमी

युक्तियुक्तकरण से पहले राज्य में 48827 स्कूल थे, इस हिसाब से स्मार्ट क्लासरूम के मामले में 21 फीसदी ही स्कूल थे। इसके साथ ही 394 स्कूलों में ही डिजिटल लाइब्रेरी संचालित हो रही है। ऐसे ही कंप्यूटर उपलब्धता, टीचिंग लर्निंग डिवाइस, प्रोजेक्टर के मामले में भी काफी कमी है। जानकारों की मानें तो राज्य के सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और कंप्यूटर की सुविधा होनी चाहिए ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का स्तर बेहतर हो। हालांकि अभी राज्य इस मामले में काफी पीछे है।

जानें कितने स्कूलों में डिजिटल सुविधा

राज्य के मात्र 6095 स्कूलों में ही कंप्यूटर सिस्टम संचालित है। ऐसे ही टीचिंग लर्निंग डिवाइस 1018 स्कूलों में ही हैं। वही प्रोजेक्टर की सुविधा 6386 स्कूलों में, डिजिटल लाइब्रेरी 394 स्कूलों में और स्मार्ट क्लासरूम 10664 स्कूलों में हैं।

22,000 कंप्यूटर लगाने का वादा, हकीकत अभी दूर

स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए सरकारी स्कूलों में 9000 स्मार्ट क्लास बनाने और स्कूलों में तकनीकी शिक्षा के लिए 22 हजार कम्प्यूटर लगाने की घोषणा की थी। स्मार्ट क्लास के माध्यम से विद्यार्थी डिजिटल कंटेंट, ई-लर्निंग मॉड्यूल, वीडियो लेक्चर और इंटरैक्टिव पढ़ाई कराई जाएगी। इससे कठिन विषयों को सरल और रोचक तरीके से विद्यार्थियों को समझाना आसान होगा। वही, 22 हजार कंप्यूटर की उपलब्धता से विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा, इंटरनेट से जुड़ाव और डिजिटल स्किल विकसित करने का अवसर मिलेगा।

युक्तियुक्तकरण के बाद 10 हजार स्कूल हुए कम

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के नरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण किया गया। इस प्रक्रिया के अंतर्गत एक ही परिसर में संचालित 10,297 शालाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में एक किलोमीटर से कम दूरी और शहरी क्षेत्रों में 500 मीटर से कम दूरी पर संचालित 166 शालाओं को मिलाकर कुल 10,463 शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया गया है। पहले जहां सरकारी स्कूलों की संख्या 48827 थी वो कम होकर लगभग 38364 हजार हो गई है। युक्तियुक्तकरण के बाद पहले जहां 5,936 विद्यालय एकल-शिक्षकीय थे, वही अब केवल 1,207 प्राथमिक शालाएं शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण एकल-शिक्षकीय रह गई हैं। साथ ही लगातार एकल शिक्षक स्कूलों में शिक्षकों काे समायोजित किया जा रहा है।