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Actor Vikrant Massey: यंग इंडिया टॉक शो में शामिल हुए अभिनेता विक्रांत मैसी, युवाओं के लिए बताई 5 बातें

Actor Vikrant Massey: सच्चाई, समर्पण और लगन से काम करेंगे, तो एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। हर बड़ी इमारत तभी मजबूत होती है। जब उसकी नींव गहरी और ठोस होती है।

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Actor Vikrant Massey: यंग इंडिया टॉक शो में शामिल हुए अभिनेता विक्रांत मैसी, युवाओं के लिए बताई 5 बातें

यंग इंडिया टॉक शो में शामिल हुए अभिनेता विक्रांत मैसी (Photo Patrika)

Actor Vikrant Massey: @tabeer Hussain। कई ऐसे उदाहरण हैं जहां बड़े सितारों के बच्चे भी टिक नहीं पाए, क्योंकि उन्होंने अपने हुनर को निखारने पर उतना ध्यान नहीं दिया। दूसरी ओर, ऐसे भी कलाकार हैं जिन्होंने जीरो से शुरुआत की और आज सबके दिलों में जगह बनाई।इसलिए मैं हमेशा यही कहता हूं मेहनत और ईमानदारी से बड़ा कोई हेड स्टार्ट नहीं होता। अगर आप सच्चाई, समर्पण और लगन से काम करेंगे, तो एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। हर बड़ी इमारत तभी मजबूत होती है। जब उसकी नींव गहरी और ठोस होती है। आपकी मेहनत ही आपकी नींव है। यह कहा अभिनेता विक्रांत मैसी ने। वे यंग इंडिया टॉक शो में शामिल होने रायपुर आए थे।

हर किसी का वक्त आता है

उन्होंने बताया, मैंने छह साल टीवी में काम किया। जब टीवी छोड़ सिनेमा का रुख करना चाहा तो रिश्तेदार कहते थे पागल हो गया है क्या। अच्छा खासा जम गया है। लेकिन मैंने दिल की सुनी और सिनेमा के लिए ऑडिशन देने लगा। उन्होंने कहा कि जब मैं बड़े आर्टिस्ट के बारे में सोचता था कि उन्हें कितनी प्रिविलेज मिली हुई है और हमको ऑडिशन के लिए दिनभर खड़े रहना पड़ रहा है। जब हमारी बारी आए तो कपड़े पसीने से भीग जाते थे। बाद में अहसास हुआ कि हर किसी का वक्त आता है। बस हमें शिद्दत से अपने लक्ष्य पर फोकस करते रहना होता है।

जितना दिखता हूं उतना बोरिंग नहीं हूं

गंभीर बातचीत के दौरान मैसी ने कहा कि मैं जितना दिखता हूं उतना बोरिंग नहीं हूं मुझे अपनी प्रोफेशनल पहचान से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, बल्कि मैं एक्टिंग के बीच के पलों को मायने देता हूं। तापसी पन्नू से लेकर पंकज त्रिपाठी तक अपने दोस्तों और सीनियर कलाकारों के अनुभवों से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है।

अच्छा इंसान बनना है

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ फिल्मों के बाद मेरा आत्मविश्वास हिल गया था, लेकिन ‘सेक्टर 36’ करते वक्त फिर से अपने आप से जुड़ पाया। अंत में विक्त्रसंत ने कहा, मैं अपनी सीमाओं को जानता हूं।।मुझे बस अच्छा इंसान बनना है, बाकी शोहरत तो आती-जाती रहती है।

विक्रांत की 5 बातें युवाओं के लिए सीख

अपनी पहचान से ज्यादा अपनी ईमानदारी मायने रखती है। मैं अपनी प्रोफेशनल आइडेंटिटी को एक्सेप्शनल नहीं मानता, बस जो हूं वही रहना चाहता हूँ।

काम में सच्चाई दिखावे से ज्यादा जरूरी है। एक्शन और कट के बीच जो करते हैं, वही आपकी असली पहचान है।

दूसरों से सीखने में झिझक नहीं होनी चाहिए। पंकज त्रिपाठी जैसे कलाकारों से रोज कुछ नया सीखने को मिलता है।

अलेक्जेंडर का उदाहरण देते हुए कहा कि मरने से पहले उन्होंने कहा था अंतिम संस्कार के लिए ले जाते वक्त मेरा बायां हाथ बाहर रखना ताकि लोगों को पता रहे इंसान खाली हाथ जाता है। मैसी ने कहा कि दुनिया में रहते हुए आपने क्या किया यह बाकी रह जाता है इसलिए हमें अच्छे कार्य करने चाहिए।

जिंदगी छोटी होती है। जंग इस बात की है कि आपने उस छोटी सी जिदंगी क्या बेहतर किया।